कोटा

डीआरएम बोले-स्वच्छता बड़ी चुनौती, ठान लें तो मुश्किल नहीं

पत्रिका से साक्षात्कार : अपनी कार्य योजना के बारे में दी जानकारी

कोटाSep 20, 2019 / 05:50 pm

mukesh gour

swachhata is a big challenge, it is not difficult if we are determined

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में इन दिनों स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। इसके तहत हर दिन कोई न कोई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। मंडल में एकल उपयोग प्लास्टिक की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच डीआरएम यू.सी. जोशी ने राजस्थान पत्रिका से बात की और अपनी कार्य योजना के बारे में जानकारी दी। बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं।

पत्रिका : कई बार ऐसे अभियान चले, लेकिन ज्यादा कुछ नहीं बदला। इस बार कैसे बदलाव आएगा।
डीआरएम : एकल प्लास्टिक का उपयोग धीरे-धीरे बहुत ज्यादा होने लगा है। यह किसी एक व्यक्ति के कहने या प्रयास से खत्म होने वाला नहीं। इसके लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे। रेलवे परिसर में इसका उपयोग बंद करने के लिए हमने रेलकर्मियों के परिवारजन और सेवानिवृत्त रेलकर्मियों और स्टेशन के वैंडर्स को भी अभियान से जोड़ा है।

पत्रिका : क्या इस तरह के अभियानों से एकल प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
डीआरएम : यदि सभी लोग ठान लें कि एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे तो फिर यह काम मुश्किल नहीं है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी। सब्जी मंडी जाते समय साथ में कपड़े का थैला रखना होगा।

पत्रिका : स्टेशन और रेलपरिसरों की सफाई के लिए अभियान चल रहा है, ट्रेनों के क्या योजना है।
डीआरएम : स्टेशन परिसर के साथ ट्रेनों की सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है। चलती ट्रेनों की सफाई भी की जा रही है। यात्रियों को किसी तरह की असुविधा होने पर शिकायत करने के लिए हैल्पलाइन नम्बर उपलब्ध है। ट्रेनों सफाई व्यवस्था का नियमित निरीक्षण किया जाता है।

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