कोटा

अनचाही आफतों से लड़ना सीखेंगे राजस्थानी स्कूलों के बच्चे

स्कूली बच्चों को अब अनचाही आफतों से निपटने की तरीके भी सिखाए जाएंगे, ताकि वह अपनी सुरक्षा खुद ही कर सकें।

कोटाSep 29, 2017 / 11:46 am

​Vineet singh

Students will be given disaster management training

भूकम्प, बाढ़, आगजनी, इमारत गिरना सहित अन्य प्राकृतिक व मानवीय आपदाओं से निपटने के लिए बारां के निजी व सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि अनचाही आफत आने पर बच्चे डरने के बजाय उससे आसानी से निपट सकें और इन आपदाओं के वजह से होने वाली जानमाल और जनहानि को कम किया जा सके।
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1766 स्कूलों के बच्चों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

बारां जिले में 939 प्राथमिक-उच्च प्राथमिक, 277 माध्यमिक- उच्च माध्यमिक व करीब 550 निजी स्कूल हैं, जिनमें हजारों छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। किसी भी तरह की प्राकृतिक या मानवीय आपदा आने पर इन स्कूलों और बच्चों को उससे निपटने के लिए अग्निशमन विभाग या फिर अन्य प्रशासनिक विभागों की मदद लेनी पड़ती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। छोटी-मोटी मुश्किलों से तो बच्चे खुद ही निपट लेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है।
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डायट की ओर से दिया जाएगा प्रशिक्षण

जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, बारां पांचूराम सैनी ने बताया कि स्कूली बच्चों को प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं से निपटने का प्रशिक्षण डायट की ओर से दिया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा और यह मास्टर ट्रेनर स्कूल के बाकी शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा। इसके बाद सभी शिक्षक मिलकर छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देंगे। पूरा प्रशिक्षण डाइट की ओर से दिया जाएगा। प्रशिक्षण लेने के बाद इसे भूल ना जाएं इसलिए प्रतिदिन 10 मिनट तक प्रार्थना सभा में बच्चों को आपदाओं से निपटने के तरीके बताने का भी बंदोबस्त किया जा रहा है। इसके साथ ही समय-समय पर मॉकड्रिल भी कराई जाएंगी।
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अग्निशमन उपकरण लगाना अनिवार्य

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूलों में आग लगने की संभावना ज्यादा रहती है। इसको लेकर प्रत्येक स्कूल में अग्निशमन उपकरण लगाना अनिवार्य किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, बारां पांचूराम सैनी ने बताया कि सभी स्कूलों के संस्था प्रधानों को दिशा निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक व विभाग के अधिकारी समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करते हैं। इस दौरान अग्निशमन उपकरणों की भी जांच की जाएगी। यदि किसी स्कूल में अग्निशमन उपकरण नहीं मिले तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसका नोडल अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी को बनाया है।

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