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आचार संहिता की उड़ाई धज्जियां, पार्टी में छलके जाम रविवार को छात्रसंघ चुनाव का प्रचार थम गया, लेकिन प्रत्याशी रात भर मतदाताओं की घेराबंदी करने में जुटे रहे। ज्यादा से ज्यादा छात्रों को अपनी ओर खींचने के लिए उनके हर शौक पूरे किए गए। वोटबैंक मजबूत करने के लिए छात्रों को मतदान से पहले ही अपने खेमों में बंद कर लिया गया। इसके लिए शहर के कई बड़े रिसोर्टस में एसी रूम बुक कराए गए थे। जिनमें छात्र मतदाताओं को ठहराया गया। यहां पर लजीज खाने से लेकर शराब खुलेआम शराब तक परोसी गई। नशे में धुत्त लड़के कहीं हंगामा खड़ा ना कर दें या फिर रिसोर्ट छोड़कर ना चले जाएं इसलिए डीजे, म्यूजिक पार्टी, आर्केस्ट्रा के साथ बड़ी-बड़ी स्क्रीन्स पर फिल्म भी दिखाई गई। Read More: उदघाटन से पहले ही सोशल मीडिया पर छाई हैंगिंग ब्रिज की खूबसूरती, गड़करी ने ट्विट किया वीडियो
600 लोगों को दी दावत, फिर भी खर्च नहीं हुए 5 हजार
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कोटा विश्वविद्यालय अध्यक्ष पद के निदर्लीय प्रत्याशी अभिषेक मालव ने बर्थ डे पार्टी के बहाने स्टूडेंट्स के लिए डीजे पार्टी आयोजित की, जिसमें आर्केस्ट्रा के गीतों पर छात्र जमकर झूमे। इसके बाद दावत उड़ाई गई, जिसमें करीब छह सौ लोग शामिल हुए। दूसरी तरफ एबीवीपी के प्रत्याशी पिंकेश मीणा ने दोपहर में छात्रों के लिए लंच का इंतजाम किया। राजकीय कला महाविद्यालय के योगेश दाधीच ने मनोरंजन के लिए आर्केस्टा पार्टी हुई। लेखराज योगी ने खंडेलवाल धर्मशाला में भोजन की व्यवस्था की। कॉमर्स कॉलेज के एबीवीपी के कपिल गुप्ता ने लॉन्यस क्लब झालावाड़ रोड तो निर्दलीय विशाल मेवाड़ा धरणीधर गार्डन में एेसी ही व्यवस्था रखी।
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लाखों रुपए हवा में उड़ंगे छात्र संघ चुनावों में खुलेआम लिंगदोह समिति की सिफारिशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन आचार संहिता की पालना कराने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वह आंखें मूंदे बैठे हैं। चुनाव प्रचार में 150 से ज्यादा गाडि़यां लगी हुई थी।वहीं सोमवार को छात्रों को मतदान करने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय तक पहुंचाने के लिए अलग से 400 से ज्यादा वाहनों का इंतजाम किया गया है। शहर की प्रिंटिंग प्रेसों पर दस लाख रुपए से ज्यादा के पर्चे छपे है, जिनको प्रचार में उपयोग किया गया है। इसके बावजूद सभी प्रत्याशी यही दावा कर रहे हैं कि अभी तक उनके 5 हजार रुपए भी खर्च नहीं हुए।
लाखों रुपए हवा में उड़ंगे छात्र संघ चुनावों में खुलेआम लिंगदोह समिति की सिफारिशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन आचार संहिता की पालना कराने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वह आंखें मूंदे बैठे हैं। चुनाव प्रचार में 150 से ज्यादा गाडि़यां लगी हुई थी।वहीं सोमवार को छात्रों को मतदान करने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय तक पहुंचाने के लिए अलग से 400 से ज्यादा वाहनों का इंतजाम किया गया है। शहर की प्रिंटिंग प्रेसों पर दस लाख रुपए से ज्यादा के पर्चे छपे है, जिनको प्रचार में उपयोग किया गया है। इसके बावजूद सभी प्रत्याशी यही दावा कर रहे हैं कि अभी तक उनके 5 हजार रुपए भी खर्च नहीं हुए।