एसपी घूसकांड मामले में फरियादी ने आरोपित आईपीएस के नाम से बदमाशों द्वारा उनके पक्ष में बयान देने के लिए धमकाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया। जिस पर अदालत ने आरोपित से जवाब मांगा है। साथ ही फरियादी के बयान होने तक उसे सुरक्षा मुहैया कराने के पुलिस को आदेश दिए हैं। अब इस मामले में 23 दिसम्बर को सुनवाई होगी।
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दो लाख रुपए के एसपी घूसकांड मामले की सुनवाई विशिष्ट न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण में चल रही है। इस मामले में बुधवार को फरियादी व गवाह अंसार अली के बयान होने थे। सुनावई के दौरान आरोपित कोटा शहर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक व आईपीएस सत्यवीर सिंह व निसार अहमद भी मौजूद थे। जबकि एक अन्य आरोपित फरहीन की ओर से हाजरी माफी का प्रार्थना पत्र पेश किया गया था। इसी दौरान अंसार की ओर से अदालत में एक प्रार्थना पत्र पेश किया। जिसमें कहा कि बिल्लू अबरेज नाम के आरोपित उन्हें आए दिन धमकियां दे रहे हैं। जिनमें उन्हें सत्यवीर सिंह के पक्ष में बयान देने का दबाव बना रहे हैं। उनके पक्ष में बयान नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उसने प्रार्थना पत्र में जान का खतरा होने पर सुरक्षा उपलब्ध कराने की माग की। उन्होंने इसी तरह का एक प्रार्थना पत्र पुलिस महानिदेशक को भी भेजा है।
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पाक नागरिक के मददगार को पकडऩे के लिए पुलिस ने बिछाया जाल, 7 दिन छत्तीसगढ़ में डाला डेरा, हर बार दे जाता था चकमा, आखिर धरा गया सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने बताया कि अंसार की ओर से उन्हें बयान बदलने के लिए धमकाने का प्रार्थना पत्र पेश किया है। जिस पर अदालत ने एसपी को उन्हें बयान होने तक सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। इधर बुधवार को अंसार के बयान भी हुए। लेकिन वह अधूरे रहे। अब इस मामले में 23 दिसम्बर को सुनवाई होगी। इधर सूत्रों के अनुसार अंसार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर अदालत ने सत्यवीर सिंह से इस संबंध में जवाब मांगा है। जिन्हें 23 दिसम्बर को सुनवाई के दौरान जवाब पेश करने को कहा गया है।
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महिला को पेशी पर नहीं पहुंचने दिया कोर्ट, रास्ते में ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या, फिर पति का अपहरण कर उसकी भी की हत्या गौरतलब है कि फरियादी छावनी निवासी अब्दुल मतीन व अंसार अली ने जमीन के एक मामले में कोटा शहर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आईपीएस सत्यवीर सिंह के नाम से करीब दो लाख रुपए घूस मांगने की शिकायत एसीबी जयपुर में दी थी। जिस पर एसीबी की टीम ने मई 2014 में छापा माकर सत्यवीर सिंह और मध्यस्थ दम्पति निसार अहमद व फरहीन को गिरफ्तार किया था। जिनकी रिमांड अवधि पूरी होने पर अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था। सत्यवीर सिंह व फरहीन की उच्चतम न्यायालय व निसार की हाईकोर्ट से जमानत हुई थी। इस मामले में एसीबी ने जांच में दोषी पाए जाने पर तीनों के खिलाफ चालान पेश किया था। अभियोजन स्वीकृति मिलने व आरोप तय होने के बाद यह मामला गवाही की स्टेज पर चल रहा है।