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पेंशन नहीं मिलने से उन्हें घर खर्च चलाने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 63.26 लाख जरूरतमंद सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थी हैं। इसमें कोटा के 1.43 लाख लाभार्थी शामिल हैं। राजस्थान में बुजुर्ग लाभार्थियों की संख्या 49,78,986 है, जिसमें 1,01,392 कोटा के शामिल हैं। इसी तरह विकलांग और विधवा पेंशन लाभार्थियों की संख्या भी लाखों में हैं। दूर-दराज से किराया पेंशन की उम्मीद लगाए उपकोष कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन यहां उनकी उम्मीदों को बेरहमी से तोड़ दिया जाता है।
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गौरतलब है कि राज्य सरकार से बजट जारी नहीं होने के कारण प्रदेश के 63.26 लाख जरूरतमंदों को 3 माह से सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रही है। इसमें कोटा के भी 1.43 लाख लाभार्थी शामिल हैं। विधवा, विकलांग, वृद्ध आदि लाभार्थी सामाजिक पेंशन बंद होने की आशंका के चलते आए दिन उपकोष कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन वहां से उन्हें जवाब मिल रहा कि बजट आने पर पेंशन बैंक खातों में डलवा दी जाएगी।
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सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में हर माह 472.50 करोड़ रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन 63.26 लाख लाभार्थियों के खातों में डाली जाती है। सरकार हर कोष कार्यालय को तीन-चार माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का बजट आवंटित करती है। राज्य सरकार ने आखिरी बार जुलाई 2017 में बजट आवंटित किया था। उस बजट में सितम्बर माह तक की पेंशन लाभर्थियों के खातों में स्थानांतरित कर दी गई। अक्टूबर से पेशन डलना बंद हो गई। कोष कार्यालय निदेशालय जयपुर को बार-बार सूचनाएं भेज कर बजट मांग रहे हैं।
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कोटा के कोषाधिकारी जय कौशिक ने बताया कि बजट के अभाव में तीन माह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरित नहीं हो पाई। निदेशालय जयपुर को लिखा जा चुका है। जैसे ही बजट आवंटित होगा, पेंशन बैंक खातों में डलवा दी जाएगी।