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रात को जब वह घर पहुंचा तो उसका छोटा भाई प्रकाश भील (18), जो कि मंदबुद्धि था वह घर पर नहीं मिला। जब उसे तलाश किया तो सरकारी स्कूल के पास उसके चिल्लाने की आवाज आई। जब वे उधर गए तो देखा कि रतनलाल उसके भाई को पत्थर से पीट रहा था। उनके पहुंचने पर वह वहां से भाग गया। घायल प्रकाश को परिजन एमबीएस लेकर गए, जहां सिर में चोट लगने से डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने रामदेव की रिपोर्ट पर रतनलाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे 8 जनवरी को ही गिरफ्तार कर लिया था।
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अपर लोक अभियोजक रितेश मेवाड़ा ने बताया कि एडीजे क्रम एक अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 112 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे। जहां अदालत ने आरोपित रतनलाल को हत्या का दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा 50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माने में से अदालत ने 40 हजार रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में मृतक के परिवार को देने और 10 हजार रुपए राजकोष में जमा कराने को कहा।