यह भी पढ़ें
सेफ्टी से जुड़े 1.60 लाख पद पड़े हैं खाली, कैसे रुकेंगे रेल हादसे
126 बच्चों का भविष्य एक शिक्षिका के हवाले इस स्कूल में 126 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षिका नन्द कुमारी के जिम्मे है। यह भी डेढ़ साल पहले प्रतिनियुक्ति पर आई। कुछ दिन पहले बीमार होने के कारण जब नन्द कुमारी अवकाश पर गईं तो उनकी जगह राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय नान्ता महल की शिक्षिका सुशीला खण्डेलवाल को अतिरिक्त कार्य सौंप दिया गया, लेकिन सुशीला की तबीयत भी बुधवार को बिगड़ गई और जब वह गुरुवार को स्कूल नहीं आई तो बच्चों की छुट्टी कर दी गई।
यह भी पढ़ें
कोचिंग समूह पर आयकर छापा, 250 से ज्यादा आयकर कर्मचारी कार्रवाई में जुटे
धरे रह गए सारे इंतजाम सुशीला खंडेलवाल ने छुट्टी की सूचना अपनी प्रधानाध्यापिका मंजू तिवारी को दे दी। तिवारी ने डीईओ को अवगत करा दिया। डीईओ ने तिवारी को ही सुबह करणी नगर स्कूल देख जाने के लिए कह दिया। जबकि उस दिन वह खुद अपने स्कूल में अकेली थीं। मंजू तिवारी ने बताया कि उनके स्कूल में भी दो ही शिक्षिकाएं हैं। एक छुट्टी पर थीं और एक की ड्यूटी वीडियो कांफ्रेंसिंग में लगाई गई थी। ऐसे में वह अकेली रह गई और काम दो स्कूलों का देखना था। इसलिए करणी नगर के स्कूल जाकर मिड डे मील बंटवा दिया और वापस आ गईं। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी अब शिक्षकों की तैनाती के आदेशों की फाइल तलाशने में जुटे हैं।