यह भी पढ़ें
राजस्थान पुलिस ने भाजपा की महिला विधायक का किया ये हाल, उत्पीड़न बयां करते हुए रो पड़ीं ऋगवेद और अथर्ववेद में टोटकों का वर्णन तंत्र साधना का इतिहास उतना ही पुराना है जितना मानव सभ्यता का इतिहास। ज्योतिषाचार्य शिव कुमार दाधीच के मुताबिक जादू टोना और टोटका का सम्बंध ऋगवेद से माना जाता है। अथर्ववेद में भी इसका कई जगह वर्णन मिलता है। दोनों वेदों में मनचाही इच्छा पूरी करने के लिए दिवाली की रात को पड़ॉने वाली अमावस्या को सबसे ज्यादा फलदायी माना गया है। इसलिए इसे महानिशा भी कहा जाता है। इसके अलावा होली, पुष्य नक्षत्र और सूर्य व चंद्र ग्रहण को सर्वधिक फलदाई अवसर बताया गया है।
यह भी पढ़ें
काले जादू से कबूतर बनाने की धमकी देकर रेप करता था ये जैन मुनि तेल, दाल और काले कपड़े से बचें ज्योतिषाचार्य शिव दाधीच के मुताबिक असाध्य बीमारियों के शिकार लोगों की परेशानी दूर करने के लिए तंत्र साधना करने वाले दिवाली के दिन कई तरह के टोने-टोटके करवाते हैं। इसके लिए वह बीमार व्यक्ति के हाथ से काला कपडा अथवा उडद दाल या फिर हरी-सब्जियां दान करवाते हैं। बीमार व्यक्ति के हाथ का स्पर्श करवा कर तेल दान करते हैं, कांसे के बर्तन का दान करते है, गुडदान कर दूसरों को देते हैं अथवा गाय आदि को खिला देते हैं। बीमारी जानलेवा होती है और कोई दान लेने वाला नहीं मिलता तो तंत्र साधना करने वाले काले कपड़े में दाल बांध कर उसे तेल में डुबो कर सड़क या चौराहों पर रखवा देते हैं। इसलिए इस दिन सड़क पर कपड़े की छोटी पोटली पड़ी दिखे तो उससे बचकर निकलें। नहीं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। Read More: कोटा की बेटी ने RAS एग्जाम टॉप कर दिया दिवाली गिफ्ट, पति की मृत्यु के बाद भी नहीं मानी हार
दिवाली के दिन पड़ोसियों को ना दें दही भाग्य से ज्यादा लक्ष्म कर्म को प्रधानता देती हैं, लेकिन कुछ लोगों के कर्म इतने खराब होते हैं कि वह हमेशा गरीबी, कंगाली और कर्ज में डूबे रहते हैं। तंत्र साधना करने वाले ऐसे लोगों को तंगहाली से निकालने के लिए दिवाली की रात पड़ोसियों के घर से दही मंगवाते हैं। इस टोटके के पीछे तंत्र साधना करने वालों का यह विश्वास काम करता है कि दही की जाक निरन्तर दही जमाती रहती है, ठीक वैसे ही मांगा हुआ दही भी घर में निरन्तर धन की वृद्धि करता है। दही मांगने का यह टोटका भारत में ही नहीं यूरोपियन देशो में भी खूब लोकप्रिय है।
दिवाली के दिन पड़ोसियों को ना दें दही भाग्य से ज्यादा लक्ष्म कर्म को प्रधानता देती हैं, लेकिन कुछ लोगों के कर्म इतने खराब होते हैं कि वह हमेशा गरीबी, कंगाली और कर्ज में डूबे रहते हैं। तंत्र साधना करने वाले ऐसे लोगों को तंगहाली से निकालने के लिए दिवाली की रात पड़ोसियों के घर से दही मंगवाते हैं। इस टोटके के पीछे तंत्र साधना करने वालों का यह विश्वास काम करता है कि दही की जाक निरन्तर दही जमाती रहती है, ठीक वैसे ही मांगा हुआ दही भी घर में निरन्तर धन की वृद्धि करता है। दही मांगने का यह टोटका भारत में ही नहीं यूरोपियन देशो में भी खूब लोकप्रिय है।
Read More: केबीसी में छबड़ा की नेहा ने जीती 25 लाख की रकम, स्कूल को देंगी दान, बनवाएंगी अपना घर
चौराहे पर रख दी जाती है घर की क्लेश जिन परिवारों के सदस्य अक्सरकर आपस में खूब लड़ते-भिड़ते रहते हैं उनके बीच की इस क्लेश को खत्म करने के लिए भी तंत्र साधना करने वाले दिवाली का मौका हाथ से नहीं जाने देते। गृह क्लेश से परेशान लोगों से तांत्रिक इस दिन कच्ची मिट्टी के घड़े में थोडी सी जौ, पांच सिक्के और भेरव मुठिया रखवा कर सड़क के बीचों बीच चौराहे पर रखवा देते हैं। इससे पीछे तांत्रिकों का विश्वास होता है कि घर में क्लेश जर-जोरू और जमीन के चक्कर में होती है। इसलिए प्रतीकात्मक रूप से इस क्लेश को मटके में रखवा कर बाहर फिंकवा दिया जाता है। जिसके बाद घर की क्लेश खत्म हो जाती है और परिजनों में आपसी सामंजस्य होने के साथ ही परिवार में लक्ष्मी का वास होने लगता है। साथ ही धन आगमन के भी नये-नये स्त्रोत खुलते जाते हैं। इसलिए दिवाली के एक दो दिन बाद तक सड़क पर कोई मटकी रखी दिखाई दे तो उससे बचकर निकले नहीं तो आपका घर क्लेश से भर जाएगा।
चौराहे पर रख दी जाती है घर की क्लेश जिन परिवारों के सदस्य अक्सरकर आपस में खूब लड़ते-भिड़ते रहते हैं उनके बीच की इस क्लेश को खत्म करने के लिए भी तंत्र साधना करने वाले दिवाली का मौका हाथ से नहीं जाने देते। गृह क्लेश से परेशान लोगों से तांत्रिक इस दिन कच्ची मिट्टी के घड़े में थोडी सी जौ, पांच सिक्के और भेरव मुठिया रखवा कर सड़क के बीचों बीच चौराहे पर रखवा देते हैं। इससे पीछे तांत्रिकों का विश्वास होता है कि घर में क्लेश जर-जोरू और जमीन के चक्कर में होती है। इसलिए प्रतीकात्मक रूप से इस क्लेश को मटके में रखवा कर बाहर फिंकवा दिया जाता है। जिसके बाद घर की क्लेश खत्म हो जाती है और परिजनों में आपसी सामंजस्य होने के साथ ही परिवार में लक्ष्मी का वास होने लगता है। साथ ही धन आगमन के भी नये-नये स्त्रोत खुलते जाते हैं। इसलिए दिवाली के एक दो दिन बाद तक सड़क पर कोई मटकी रखी दिखाई दे तो उससे बचकर निकले नहीं तो आपका घर क्लेश से भर जाएगा।
Read More: राजस्थान चुनाव में दो सीटें जीत, भाजपा की मनी दिवाली
अपनी कोख के लिए उजाड़ देते हैं दूसरे का आंगन संतान की चाहत किसे नहीं होती, लेकिन कई बार यह मुराद पूरी नहीं हो पाती। होती भी है तो कई बार सिर्फ लड़कियां ही लड़कियां। पंडित दाधीच के मुताबिक राजस्थान में आर्थिक समृद्धि के बाद संतान और पुत्र प्राप्ति के लिए सबसे ज्यादा तंत्र साधना दिवाली पर होती है। जिन महिलाओं के संतान नहीं होती अथवा जन्म लेने से पहले ही पेट मे मर जाती है इस दिन उनके लिए कई तरह के टोने-टोटको तंत्र साधक करते हैं। नि:संतान महिलाए जिनके घरों में छोटे बच्चे रहते है, उन घरों के बाहर अथवा मुख्य दरवाजे की दहलीज पर, दीपावली अथवा दशहरा की रात्रि के बाद से गुंथी हुई आटे की लोई बना कर रखना शुरू कर देती है। बहुत सी नि:सन्तान महिलाएं बच्चों की चाह में दूसरो के छोटे बच्चों को धोखे से अपने घर बुलाकर उन्हें कोई सफेद चीज जैसे कि दही-दूध, खीर आदि खिला देती हैं। यह एक ऎसा टोटका माना जाता है कि अपने ऊपर की बुरी आत्मा बला को दूसरे, के सिर चढा दी जाती है। इसलिए दिवाली की रात ही नहीं एक दो दिन बाद भी ऐसी चीजों से बचकर रहना चाहिए।
अपनी कोख के लिए उजाड़ देते हैं दूसरे का आंगन संतान की चाहत किसे नहीं होती, लेकिन कई बार यह मुराद पूरी नहीं हो पाती। होती भी है तो कई बार सिर्फ लड़कियां ही लड़कियां। पंडित दाधीच के मुताबिक राजस्थान में आर्थिक समृद्धि के बाद संतान और पुत्र प्राप्ति के लिए सबसे ज्यादा तंत्र साधना दिवाली पर होती है। जिन महिलाओं के संतान नहीं होती अथवा जन्म लेने से पहले ही पेट मे मर जाती है इस दिन उनके लिए कई तरह के टोने-टोटको तंत्र साधक करते हैं। नि:संतान महिलाए जिनके घरों में छोटे बच्चे रहते है, उन घरों के बाहर अथवा मुख्य दरवाजे की दहलीज पर, दीपावली अथवा दशहरा की रात्रि के बाद से गुंथी हुई आटे की लोई बना कर रखना शुरू कर देती है। बहुत सी नि:सन्तान महिलाएं बच्चों की चाह में दूसरो के छोटे बच्चों को धोखे से अपने घर बुलाकर उन्हें कोई सफेद चीज जैसे कि दही-दूध, खीर आदि खिला देती हैं। यह एक ऎसा टोटका माना जाता है कि अपने ऊपर की बुरी आत्मा बला को दूसरे, के सिर चढा दी जाती है। इसलिए दिवाली की रात ही नहीं एक दो दिन बाद भी ऐसी चीजों से बचकर रहना चाहिए।
Read More: दिवाली पर जीएसटी और नोटबंदी हुई बेअसर, कोटा में हुआ 600 करोड़ का कारोबार
बिना नुकसान के करें ये टोटके पंडित शिव कुमार दाधीच कहते हैं कि आर्थिक समृद्धि के लिए किसी और को बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है। कुछ टोटके ऐसे हैं जिन्हें आप घर में करें तो जिससे किसी का नुकसान भी नहीं होता और आर्थिक समृद्धि भी आती है। उनके मुताबिक दिवाली की रात 11 गोमती चक्र लाकर, सिन्दूर के साथ लाल वस्त्र में बांध कर रखने से घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। पंच लक्ष्मी चक्र और दो अकीक पत्थरों को धूप देकर घर के बाहर चौखट पर छिपा कर रख देने से धन-संपदा की वृद्धि होने लग जाती है।
बिना नुकसान के करें ये टोटके पंडित शिव कुमार दाधीच कहते हैं कि आर्थिक समृद्धि के लिए किसी और को बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है। कुछ टोटके ऐसे हैं जिन्हें आप घर में करें तो जिससे किसी का नुकसान भी नहीं होता और आर्थिक समृद्धि भी आती है। उनके मुताबिक दिवाली की रात 11 गोमती चक्र लाकर, सिन्दूर के साथ लाल वस्त्र में बांध कर रखने से घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। पंच लक्ष्मी चक्र और दो अकीक पत्थरों को धूप देकर घर के बाहर चौखट पर छिपा कर रख देने से धन-संपदा की वृद्धि होने लग जाती है।
Read More: कोटा का हैंगिंग ब्रिज बनेगा कमाऊ पूत, हर साल करेगा इतने करोड़ की कमाई
शादी और बीमारी के टोटके इसके साथ ही दिवाली की रात अगर एक लाल रंग के कपड़े में पांच पीली कौडी बांध कर एवं उन्हे लोहवान की घुप दिखाकर, अगले दिन बतासे के साथ किसी कुऎं मे डाल दिया जाए, तो परिवार में चल रही कई असाध्य बीमारियां शीघ्र ही दूर हो जाती हैं। जिन कन्याओं का विवाह किसी कारण से नहीं हो पा रहा हो, अगर वह दीपावली के अवसर पर मौल श्री की जड को घर लाकर व लाल रेशमी वस्त्र में बांघ कर उसे भी लक्ष्मी-गणेश पूजन के समय चौकी पर रख दें तथा पूजनोपरान्त उसे घर की मुख्य चौखट पर बांध दें तो तीन महीने के भीतर ही घर में वह मांगलिक कार्य हो जाता है।
शादी और बीमारी के टोटके इसके साथ ही दिवाली की रात अगर एक लाल रंग के कपड़े में पांच पीली कौडी बांध कर एवं उन्हे लोहवान की घुप दिखाकर, अगले दिन बतासे के साथ किसी कुऎं मे डाल दिया जाए, तो परिवार में चल रही कई असाध्य बीमारियां शीघ्र ही दूर हो जाती हैं। जिन कन्याओं का विवाह किसी कारण से नहीं हो पा रहा हो, अगर वह दीपावली के अवसर पर मौल श्री की जड को घर लाकर व लाल रेशमी वस्त्र में बांघ कर उसे भी लक्ष्मी-गणेश पूजन के समय चौकी पर रख दें तथा पूजनोपरान्त उसे घर की मुख्य चौखट पर बांध दें तो तीन महीने के भीतर ही घर में वह मांगलिक कार्य हो जाता है।