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सचिन पायलट ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीकर में किसानों ने आंदोलन किया तो बुलाकर आश्वासन दे दिए, कर्जमाफी के लिए कमेटी बना दी। आखिर कमेटी बनाने की जरूरत क्या है। जब कई उद्योगपतियों के करोड़ों के ऋण माफ किए, उस समय कमेटी क्यों नहीं बनी। सचिन पायलट यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े कह रहे हैं कि डेढ़ साल पहले फसल खराबे के 10 लाख किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला। किसानों के काम आने वाले कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे में ला दिया, किसानों के साथ कैसा मजाक हो रहा है। सरकार किसानों की जेब पर डकैती डाल रही है। अगर किसानों की सोचते तो कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे में नहीं लाते।
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किसान क्यों कर रहे हैं आत्महत्या पायलट ने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि आखिर किसान आत्महत्याएं क्यों कर रहे हैं। हाड़ौती में किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की है। चार साल में किसानों के हालात बिगड़ गए। उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने वाले किसानों के घर कांग्रेस के प्रतिनिधि पहुंचे, उनकी सुध ली लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा उनकी खैर-खबर लेने नहीं पहुंचा।
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राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश पायलट ने कहा कि कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार जान-बूझकर देरी कर रही है, इसलिए कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में खुद के ही लोग हैं। मुख्यमंत्री चाहती है कि मामले को लम्बा खींचते-खींचते चुनावों के पहले कर्जमाफी की जाए, ताकि राजनीतिक फायदा मिले।
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सरकार को कर देंगे मजबूर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सरकार की ओर से अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। ऋणमाफी तो करनी ही पड़ेगी। राजस्थान में कांग्रेस किसानों की आवाज बनकर उभरेगी, सडक़ों पर चलेंगे, कर्जमाफी के लिए सरकार को मजबूर कर देंगे। पदयात्रा की घोषणा होते ही सरकार ने कर्जमाफी के लिए कमेटी बना दी, पदयात्रा सम्पन्न होने तक किसानों के लिए और भी कुछ होगा।