स्मार्ट सिटी योजना के तहत कोटा शहर में करोड़ों के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। कोटा के रेलवे स्टेशन भी वल्र्ड क्लास सुविधाओं की तरफ बढ़ रहे हैं। दुनिया की अनूठी तस्वीर दिखाने वाला चम्बल रिवर फं्रट भी विकसित किया जा रहा है। आने वाले समय में पूरा देश बोलेगा कि चलो कोटा घूम आते हैं, लेकिन कोटा आने वालों को राजधानी जयपुर से कोटा के बीच जब स्मार्ट व लग्जरी बस सेवा नहीं मिलेगी तो वे अच्छा महसूस नहीं करेंगे। इसलिए सरकार को कोटा को स्मार्ट व लग्जरी बस सेवा से जोडऩा चाहिए।
नेताओं की आवाज दरकिनार-
जयपुर के डीलक्स डिपो से जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर व दिल्ली मार्ग पर रोडवेज की लग्जरी बस सेवा यानि वोल्वो व स्लीपर कोच बसों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन जयपुर से कोटा मार्ग पर लग्जरी बस सेवा वर्तमान में संचालित नहीं की जा रही है। कोटा के जनप्रतिनिधियों ने कई बार लग्जरी बस सेवा की मांग उठाई, लेकिन सरकार ने नेताओं की आवाज को ठुकराते हुए कोटा में लग्जरी बस सेवा शुरू करने के मामले में गंभीरता नहीं दिखाई।
बसों में सफर नहीं करते नेता व अफसर-
यात्रियों का कहना है कि रोडवेज की खस्ता हालत के लिए नेता व अफसर ही जिम्मेदार है। कोटा के आला अफसर व प्रमुख नेताओं ने कभी रोडवेज में सफर करने की कोशिश ही नहीं की। नेताओं व अफसरों ने अन्तिम बार रोडवेज बस में कब सफर किया, उन्हें खुद भी याद नहीं है। क्योंकि वे अपने निजी व सरकारी वाहनों में सफर करते हैं। ऐसे में जनता कितना दर्द झेल रही है, उनको कोई अहसास ही नहीं है।
इसलिए निजी बसें मालामाल-
कोटा डिपो से रोजाना रोडवेज की 70 बसें संचालित हो रही है। जबकि निजी बसें 750 से ज्यादा संचालित हो रही है। कई मार्गों पर पर्याप्त यात्री भार होने के बावजूद रोडवेज की बसें पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे मार्गों पर निजी बस संचालक यात्री भार से मालामाल हो रही है।
शैक्षिक राजधानी अजमेर से दूरी-
राजस्थान का हृदय स्थल अजमेर एक तरह से राज्य की शैक्षिक राजधानी है। यहां राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं सीबीएसई बोर्ड, राजस्थान लोक सेवा आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड सहित कई महत्वपूर्ण कार्यालय है। ज्ञात है कि अजमेर विश्व प्रसिद्ध तीर्थ पुष्करराज एवं ख्वाजा साहब की दरगाह के कारण धार्मिक शहर भी है। ऐसे में हजारों विद्यार्थियों एवं लोगों का कोटा से अजमेर आवागमन है, इसके बावजूद रोडवेज के कोटा डिपो ने अजमेर मार्ग पर मात्र एक बस ही संचालित कर रखी है। जबकि अन्य डिपो की 65 बसें कोटा व अजमेर के बीच चल रही है।
कोटा से जयपुर-55
कोटा से अजमेर-42
कोटा-सवाईमाधोपुर-8
कोटा-भरतपुर-0
कोटा-झालावाड़-64
कोटा-बारां-30
कोटा-जोधपुर-5
कोटा-उदयपुर-17
गंगापुरसिटी- 0
कोटा-दौसा-2 रोडवेज : इन शहरों तक सुपर डीलक्स(लग्जरी), तो कोटा 0 क्यों
जयपुर से अजमेर- 16
जयपुर से जोधपुर-13
जयपुर से उदयपुर-2
जयपुर से बीकानेर-1
जयपुर से दिल्ली-14
जयपुर से माउंट आबू- 1
जयपुर से बाड़मेर-2
जयपुर से सीकर- 5
जयपुर से गंगानगर 1
जोधपुर से उदयपुर-2
जयपुर से पिलानी-2
जयपुर से लखनऊ- 1
जयपुर से कोटा- 0
रोडवेज सेवा
-70 बसें संचालित हैं कोटा के रोडवेज बस डिपो से
-11000 औसत यात्री भार है रोडवेज में कोटा डिपो का
-12 लाख औसत आय प्रतिदिन कोटा डिपो को
निजी बस सेवा-
-750 निजी बसें कोटा से हो रही संचालित
-5000 यात्री प्रतिदिन निजी बसों से करते हैं यात्रा
-75 लाख की औसत आय प्रतिदिन निजी बसों को
-पुराने बस स्टैण्ड पर सुविधाओं का अभाव
कोटा.
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम का कोटा शहर के नयापुरा में पुराना और 80 फीट रोड पर नया बस स्टैण्ड संचालित है। पुराने बस स्टैण्ड पर बसों का दबाव कम करने के लिए नया बस स्टैण्ड तो बना दिया, लेकिन यह केवल नाम का है। कई सालों से अधिकतर बसें नयापुरा बस स्टैण्ड से ही संचालित है। हर रोज कई बार यात्री भी असमंजस में रहते हैं कि कौनसी बस कहां से जाएगी। दोनों ही बस स्टैण्ड पर किसी भी रूट टिकट के आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। यात्रियों को एनवक्त पर भागमभाग के साथ टिकट बुक कराना पड़ रहा है। बुकिंग विण्डो से लेकर अन्य जगहों पर व्यवस्था इतनी खराब हैं कि हर कोई यहां आकर यह जरूर सोचता है कि ये हम कहां आ गए। पब्लिक टॉयलेट पर गंदगी के दृश्य रोडवेज के नकारा अफसरों की पोल खोल रहे हैं। कहीं पर पेयजल इत्यादि की समुुचित व्यवस्था नहीं है। दोनों ही बस स्टैण्ड पर पूछताछ खिड़की पर कोई संतोषजनक जवाब तक नहीं मिलता। यात्री इधर-उधर चाय-नाश्ते की थड़ी पर जाकर बसों के आगमन-प्रस्थान की जानकारी जुटाते हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों से पूछा तो बोले कि हमने यह कभी नहीं सोचा था कि कोटा जैसे अच्छे शहर में इतना खराब बस स्टैण्ड भी हो सकता है। इससे तो अन्य छोटे कस्बों के बस स्टैण्ड भी अच्छे हैं। ऐसे बेहाल बस स्टैण्ड से कोटा का नाम खराब हो रहा है। यात्रियों का सवाल हैं कि आखिर कोटा के नेता व अफसर क्या कर रहे हैं, क्या उन्हें यात्रियों की परेशानी व बस स्टैण्ड की बेहाली नजर नहीं आ रही।
सरकार ने सुधार के प्रयास ही नहीं किए-
राज्य सरकार ने तीन साल में रोडवेज बसों की सुविधा बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। प्रमुख शहरों के बीच रोडवेज की वोल्वो बस सेवा भी नहीं है। कोटा को अजमेर, सवाईमाधोपुर, जोधपुर, करौली, भरतपुर को रोडवेज की वोल्वो सेवा से जोडऩा चाहिए।
-संदीप शर्मा, विधायक, कोटा दक्षिण
भाजपा के शाासन में रोडवेज की हालत खराब थी। कांग्रेस सरकार ने काफी सुधार किया। कोटा से लग्जरी बस सेवा उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए विभाग के मंत्री से बात की जाएगी। कोटा में बेहतर रोडवेज की बेहतर सुविधाओं के लिए प्रयास किए जाएंगे।
-राखी गौतम, कांग्रेस नेत्री, कोटा
सवाल: कोटा डिपो यात्रियों को बेहतर सुविधाएं क्यों नहीं दे पा रहा है।
जवाब : डिपो की स्थिति से मुख्यालय को अवगत करवाया गया है।
सवाल : राज्य के तीसरे बड़े शहर कोटा से लग्जरी बसों की सुविधाएं क्यों नहीं है।
जवाब: कोटा से पूर्व में डीलक्स बसों का संचालन किया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। हम उपलब्ध संसाधनों में यात्रियों को अच्छी सुविधाएं देने का प्रयास कर रहे हैं।
सवाल : कोटा से राज्य के कई शहरों के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसा क्यों है।
जवाब : कोटा में कुछ बसों की कमी है। इसके लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका हैं।
राज्य के तीसरे बड़े शहर कोटा में रोडवेज सेवा की बेहाली के लिए कौन जिम्मेदार हैं, सरकार का स्मार्ट बस सेवा पर फोकस क्यों नहीं हैं? आप क्या मानते हैं ?