कोटा

पद्मावती के विरोध के बीच 6 गांवों की महापंचायत का ऐतिहासिक फैसला, जिसने सुना रह गया दंग

हाड़ौती की महिलाओं ने हुंकार भरी है कि वो बुराइयों का जौहर रचाएंगी। 6 गांवों की महापंचायत में ऐसा फैसला लिया जिसे सुन हर कोई दंग रह गया।

कोटाNov 19, 2017 / 12:27 pm

​Vineet singh

Rs 11 thousand fine to be paid on drinking liquor

हाड़ौती की महिलाओं ने 6 गांव की महापंचायत बुलाकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस महापंचायत में नशे के खिलाफ खुली जंग का ऐलान करते हुए महिलाओं ने ऐलान कर दिया है कि गांव के किसी भी शख्स ने शराब को हाथ लगाया तो उसे 11 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। शराबी मर्दों की निगरानी करने और जुर्माने से जुड़ा फैसला करने के लिए 21 महिलाओं का निर्णायक मंडल भी गठित किया गया है। हाड़ौती की महिलाओं ने यह कदम तब उठाया है जब अफसरों से लेकर सरकार तक ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया था।
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सरकार ने गांव से नहीं हटाई दुकान

कोटा जिले के डोल्या ग्राम पंचायत के चांदबाबड़ी स्थित शराब दुकान की लोकेशन जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद नहीं बदलने को लेकर गांववासी एकजुट हो गए हैं। गांव को शराब मुक्त बनाने के लिए सरपंच नंदलाल मेघवाल के आह्वान पर शनिवार को छह गांवों की महापंचायत आहूत की गई। चामुण्डा माता मंदिर पर आयोजित महापंचायत में गांव वासियों ने माता के दरबार में शराब मुक्ति का संकल्प लिया और निर्णय किया कि कोई भी अगर शराब का सेवन करता हुआ नजर आया तो उसे 11 हजार का आर्थिक दंड देना होगा। इस अर्थदंड को मंदिर निर्माण में काम में लिया जाएगा।
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21 महिलाओं का निर्णायक मंडल लेगा फैसला

सरपंच नंदलाल मेघवाल ने बताया कि महापंचायत में सभी गांववासियों ने चांदबाबड़ी दुकान से शराब नहीं खरीदने एवं गांव में शराब का सेवन नहीं करने की शपथ ली। इस दौरान भूमि विकास बैंक के पूर्व चैयरमैन चैन सिंह राठौड़, उपसरपंच कल्याण सिंह समेत सैकड़ों की तादाद में महिला एवं पुरुष मौजूद रहे। महापंचायत में तय हुआ कि पूरे आंदोलन की कमान महिलाओं के हाथों में रहेगी, ताकि मर्द एक दूसरे को बचाने की कोशिश ना कर सकें। शराब पीने वाले मर्दों की निगरानी करने के लिए बकायदा गांवों की 21 महिलाओं की कमेटी बनाई गई। यह कमेटी शराबी पतियों पर निगरानी रखेगी। यदि कोई शराब पीया पाया गया तो उसे अर्थदंड से दंडित होना होगा।
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वादा खिलाफ का लगाया आरोप

महापंचायत में जिला प्रशासन व आबकारी विभाग पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया गया। सरपंच ने बताया कि जिला प्रशासन के समक्ष आबकारी अधिकारियों ने दो दिन में सर्वे कर चांदबावड़ी दुकान की लोकेशन बदलने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने चार दिन गुजर जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।

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