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पत्रिका ने किया था खुलासा नसबंदी ऑपरेशन घोटाले में सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई करने के सरकार के निर्देशों को टालकर हॉस्पिटलों को 11 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। राजस्थान पत्रिका ने जब इस घोटाले का खुलासा किया तो स्वास्थ्य निदेशालय में हड़कंप मच गया। खुद स्वास्थ्य निदेशक आरसीएच डॉ. एसएम मित्तल को कहना पड़ा कि उन्हें गुमराह करके निजी हॉस्पिटल को भुगतान करवाया गया। पत्रिका के खुलासे के बाद निदेशक आरसीएच डॉ. एसएम मित्तल ने तीन सदस्यों की उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच करने के लिए बारां भेजी है। संयुक्त निदेशक डॉ. रामबाबू जायसवाल, उप निदेशक डॉ. गिरीश द्विवेदी और एएओ सतीश वर्मा की यह टीम जांच करने के लिए सोमवार रात को ही बारां पहुंच गई।
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सीएमएचओ के इशारे पर हुआ था घोटाला बारां के सीएमएचओ डॉ. बृजेश गोयल के रसूख के चलते केलवाड़ा सीएचसी की जगह सीताबाड़ी हॉस्पिटल में नसबंदी के कई कैंप लगाए गए। इसका कुछ भुगतान बारां के गोयल अस्पताल ने भी उठा लिया था। इस मामले का खुलासा ‘पत्रिका’ ने लगातार समाचार प्रकाशित कर किया। जिसके बाद हुई जांच में सीएमएचओ और अन्य को दोषी पाया, इसके बावजूद निदेशालय के आदेश पर दोनों निजी अस्पतालों को गत 6 सितम्बर को बकाया 11 लाख का भुगतान कर दिया। जिसके बाद निदेशक आरसीएच ने जांच के लिए फिर एक टीम को बारां भेजा है। यह भी पढ़ें
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छुट्टी के दिन जयपुर मंगवाई फाइल 10 सितम्बर को पत्रिका डॉट कॉम पर पूरा घोटाला प्रकाशित होने के बाद ऐसा हड़कंप मचा कि निदेशक आरसीएच डॉ. मित्तल ने बारां के डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सीताराम वर्मा और जिला कार्यक्रम प्रबंधक दिलीप शर्मा से दोनों निजी अस्पतालों और इस मामले से जुड़ी फाइल जयपुर मंगवाई थी। निदेशक आरसीएच ने जांच के बाद गड़बड़ी मिलने पर एक बार फिर जांच कमेटी बना दी। डॉ,. मित्तल ने बताया कि पहले उप निदेशक की जांच में कई तथ्य अधूरे व गोलमोल थे। अब इस मामले की पूरी जांच करवाने के लिए टीम को बारां भेजा है। यह टीम तीन दिन में रिपोर्ट देगी। इस टीम को सख्त निर्देश दिए है कि जो भी दोषी है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।