जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र चित्तौड़गढ़ के महाप्रबंधक मोहित सिंह शेखावत ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से ”मुख्यमंत्री लघु वाणिज्यिक वाहन स्वरोजगार योजना” शुरू की है। इस योजना के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। उद्योग केंद्र के जरिए कोई भी योजना में आवेदन कर सकता है। इस योजना की मुख्य बात यह है कि कोई भी 15 लाख रुपए तक या साढ़े सात टन की गाड़ी खरीद सकता है। योजना में राज्य सरकार की ओर से गाड़ी की ऑन रोड़ कीमत पर 10 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा या 60 हजार रुपए तक की राशि दी जाएगी। इतना ही या इससे ज्यादा अनुदान मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भी देगा। इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में 3300 युवाओं को गाड़ियां देने का लक्ष्य रखा गया है। महाप्रबंधक ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में अब युवाओं का इस ओर रुझान बढ़ता हुआ दिख रहा है। अब तक करीब 90 आवेदन आ चुके हैं।
योजना में खरीद सकेंगे तीन कंपनियों की गाड़ियां महाप्रबंधक ने बताया कि इस योजना में राज्य सरकार की ओर से तीन कंपनियों को अधिकृत किया है। इन कंपनियों की गाडियां खरीदने पर सरकार की योजना का लाभ मिल पाएगा। यह अनुदान “प्रथम आओ प्रथम पाओ” के आधार पर दिया जाएगा। इस योजना में अशोक लीलैंड के 22, टाटा के 30, महिन्द्रा के 17 तरह की गाड़ियों पर अनुदान मिलेगा।
ऐसे करें आवेदन
महाप्रबंधक ने बताया कि योजना में कुछ बातें ध्यान में रखनी है। पहला आवेदन करने वाला राजस्थान का मूल निवासी हो। आवेदन करने वाले की उम्र 18 से 45 साल तक की होनी चाहिए और एक परिवार के एक ही व्यक्ति इसका पात्र होगा। व्यक्ति खुद अपनी एसएसओ आईडी या mlvsy.rajasthan.gov.in के जरिए आवेदन कर सकता है। आवेदन जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र द्वारा जांच के बाद सम्बंधित कम्पनी को भेजा जाएगा। कम्पनी द्वारा सारे डाक्यूमेंट्स अपलोड कर उसकी जांच के लिए दोबारा जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्रों को भेजेंगे। वहां जांच के बाद अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।
ऐसे करें आवेदन
महाप्रबंधक ने बताया कि योजना में कुछ बातें ध्यान में रखनी है। पहला आवेदन करने वाला राजस्थान का मूल निवासी हो। आवेदन करने वाले की उम्र 18 से 45 साल तक की होनी चाहिए और एक परिवार के एक ही व्यक्ति इसका पात्र होगा। व्यक्ति खुद अपनी एसएसओ आईडी या mlvsy.rajasthan.gov.in के जरिए आवेदन कर सकता है। आवेदन जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र द्वारा जांच के बाद सम्बंधित कम्पनी को भेजा जाएगा। कम्पनी द्वारा सारे डाक्यूमेंट्स अपलोड कर उसकी जांच के लिए दोबारा जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्रों को भेजेंगे। वहां जांच के बाद अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।