नोटबंदी के बाद सरकार ने बनाई ये घातक प्लानिंग, कभी भी हो सकती है लागू
हेलमेट ने दी मौत को मात कोटा पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में हेलमेट लगाने की वजह से 18.84 फीसदी हादसे कम हुए हैं। इतना ही नहीं सड़क दुर्घटना होने पर घायल होने वालों की संख्या में भी पिछले साल के मुकाबले बीते नौ महीनों में ही 21.15 फीसदी की कमी हो गई है। जबकि पिछले साल के मुकाबले ही इस साल के नौ महीनों में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में 15.59 फीसदी की कमी हुई है।
शराब माफिया की सरपंच को धमकी, आए यहां तक तो मार देंगे गोली
आधे रह गए सड़क हादसे हेलमेट लगाए बिना बाइक चलाने से इस साल 379 हादसे हुए। जिनमें 358 लोग घायल हुए और 65 को अपनी जान गंवानी पड़ी, लेकिन यातायात पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2015 में 579 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थी। जिनमें 557 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 85 लोगों की मौत हो गई थी।जुआ खेलते हुए पकड़ा गया बीजेपी का ये दिग्गज नेता, पुलिस ने बरामद किए 4.24 लाख रुपए
हेलमेट को लेकर मंत्री से भिड़े विधायक हेलमेट लगाकर वाहन चलाने की वजह से कई घरों के चिराग बुझने से बच गए, लेकिन कोटा के विधायक भवानी सिंह राजावत ने हेलमेट लगाने का विरोध करने के लिए बड़ा अजीबो गरीब तर्क दिया था। उनके मुताबिक हेलमेट लगाने से लोगों के बाल उड़ जाते हैं। हेलमेट को लेकर विधायक राजवत और राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया में भी खासा टकराव हो चुका है। जिसके बाद गृह मंत्री ने यहां तक कह दिया था कि लोगों की समझ में आना चाहिए कि हेलमेट लगाने से बाल नहीं उड़ते, बल्कि लोगों की जान बचती है।
कोटा रेल मंडल को मिला पहली मेमू ट्रेन का तोहफा, नवंबर से चलेगी कोटा से वडोदरा के बीच
हेलमेट पहनते समय इस बात का रखें ख्याल फिलहाल कई प्रकार के हेलमेट प्रचलन में है। मगर दुपहिया वाहन चालकों को केवल आईएसआई मार्का वाले ही हेलमेट का प्रयोग करना है। हल्केव सस्ते हेलमेट जहां सिर में दर्द करने लगते हैं। वहीं हादसे के समय उन्हीं से सिर में चोट पहुंचने की आशंका बनी रहती है। जबकि आईएसआई मार्का के हेलमेट सुरक्षित व आरामदायक होते हैं। अच्छी क्वालिटी के हेलमेट पहनने से दुर्घटना होने पर सिर में चोट नहीं लगती। आंखों की सुरक्षा होने के साथ ही 200 रुपए का चालान कटने से भी बच जाता है।