12 साल से खाते में पड़ी राशि से अब होगा रावतभाटा आईटीआई का विकास
12 साल से राशि खर्च नहीं करने पर उपनिदेशक प्राविधिक शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर ने जांच बैठा दी है। जांच अधिकारी ने गत दिनों रिपोर्ट बनाकर उपनिदेशक को भेज दी। अब उपनिदेशक आगे की कार्रवाई करेंगे।
कोटा•Feb 23, 2020 / 07:35 pm•
Dilip
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रावतभाटा. इंट्ीट्यूट मैनेजमेंट कमेटी के खाते में पड़े करोड़ों रुपए अब 12 साल बाद राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के विकास में खर्च होंगे। उधर 12 साल से राशि खर्च नहीं करने पर उपनिदेशक प्राविधिक शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर ने जांच बैठा दी है। जांच अधिकारी ने गत दिनों रिपोर्ट बनाकर उपनिदेशक को भेज दी। अब उपनिदेशक आगे की कार्रवाई करेंगे।
संस्थान को पीपीपी मोड़ के तहत भी लिया गया है। केन्द्र सरकार ने संस्थान के विकास के लिए वर्ष 2008 में ढाई करोड़ रुपए खाते में जमा कराए थे। उक्त राशि को इंट्ीट्यूट मैनेजमेंट कमेटी की सहमति से खर्च करना था लेकिन उक्त राशि को खर्च नहीं किया गया। ऐसे में राशि ब्याज सहित बढ़ते-बढ़ते पांच करोड़ रुपए हो गई है। इस संबंध में राजस्थान पत्रिका ने 2 फरवरी के अंक में पेज नम्बर 12 पर न भवन बना न नए ट्रेड खुले शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। खबर प्रकाशित होते ही अधिकारी हरकत में आ गए। उपनिदेशक प्राविधिक शिक्षा क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर ने जांच बैठा दी। जांच अधिकारी बेगू आईटीआई के प्रिंसीपल केसी अग्रवाल को नियुक्त किया गया। वे गत दिनों रावतभाटा पहुंचे। उन्होंने राशि से संबंधित दस्तावेजों को एकत्रित किया। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर उपनिदेशक को भेज दी।
इस तरह से होगा विकास
इंट्ीट्यूट मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष पीएन प्रसाद से 19 फरवरी को संस्थान अधीक्षक मुकुट बिहारी वर्मा मिले। उन्होंने योजना की पूरी जानकारी दी। नए ट्रेड रेफिजरेशन एंड एयरकंडीशन, कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोग्राम असिस्टेड व इलेक्ट्रीशियन नए शैक्षणिक सत्र जुलाई में खुल जाएंगे। इनके लिए बकायदा नई कार्यशालाएं तैयार कराई जाएगी। उक्त राशि से भवन की रिपेरिंग कराई जाएगी, जहां पर नई बिजली फिटिंग की आवश्यकता है। वहां पर बिजली की फिटिंग कराई जाएगी।
वन विभाग के सहयोग से करेंगे पौधारोपण
संस्थान के अन्दर व परिसर में वन विभाग के सहयोग से पौधों को लगाया जाएगा। पूरे परिसर में हरी-हरी घास को उगाया जाएगा। इनमेंं प्रतिदिन पानी दिया जाएगा। इससे पहले संस्थान परिसर में कई जगहों सूखी झाडिय़ां उगी हुई है, जिन्हें काटा जाएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में संस्थान में फिटर, वेल्डर व इलेक्ट्रोनिक्स तीन ट्रेड चल रहे हैं। प्रत्येक ट्रेड के दो-दो बैच चल रहे हैं। प्रत्येक बैच में 20-20 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वर्तमान मेंं संस्थान में मात्र एक ही अणुदेशक कार्यरत है। इसके अलावा 4 फेकल्टी पूर्व में लगे है। अभी हाल में ही 3 फेकल्टी ओर लगाए गए हैं।
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