चम्बल एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (सीएडी) के अधीक्षण अभियंता जीतेंद्र लुहाडि़या ने बताया कि मध्यप्रदेश ने तीन दिन पहले सीएडी प्रशासन से 4000 क्यूसेक पानी देने की मांग की थी। मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता एन.पी. कोरी, अधीक्षण अभियंता आर.पी. झा व श्योपुर खंड के अधीक्षण अभियंता एस.सी. गुप्ता अपनी मांग को लेकर जल संसाधन विभाग कोटा खंड के मुख्य अभियंता राकेश कौशल से मिले थे और उन्हें मांग पत्र सौंपा था।
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राजस्थान ने पूरी की एमपी की मांग जल संसाधन विभाग कोटा खंड के मुख्य अभियंता ने मध्यप्रदेश की इस मांग पर विचार करने के लिए जयपुर मुख्यालय को पत्र भेज कर राजस्थान सरकार को इसकी जानकारी दी। जिस पर सरकार ने मध्य प्रदेश को 2500 क्यूसेक पानी देने की मंजूरी दे दी है। लुहाडि़या ने बताया कि मध्यप्रदेश को पानी देने के लिए राजस्थान की सीमा से गुजर रही दाईं मुख्य नहर की सभी ब्रांचों के गेट बंद कर दिए हैं, ताकि जल्द से जल्द पार्वती एक्वाडक्ट पर मध्यप्रदेश की मांग के अनुरूप पानी पहुंचाया जा सके।
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हाड़ौती के किसानों को भी मिलेगा पानी जल संसाधन विभाग कोटा खंड के मुख्य अभियंता ने बताया कि मध्य प्रदेश को पानी देने से हाड़ौती के किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। राजस्थान के इस सबसे उपजाऊ इलाके के किसानों की जल संबंधी जरूरतों को हर हाल में पूरा किया जाएगा और इसके लिए उनकी मांग के अनुरूप सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाएगा।