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कोटा की सफलता का आलम यह है कि अब कोटा की ख्याति राज्य व देश की सीमाएं पार दुनियाभर में फैलने लगी है। इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में हर साल रिकॉर्ड रिजल्ट और इंटरनेशनल ओलम्पियाड में गोल्ड और सिल्वर मेडल का यह दौर शहर को 2025 तक देश-दुनिया में ऐसी पहचान दे देगा, जो हर विद्यार्थी को यहां आकर पढऩे के लिए आकर्षित करेगी। सफ लता की यही रफ्तार जारी रही तो 2025 तक कोटा में वर्तमान की तुलना में तीन गुना अधिक स्टूडेंट्स होंगे।
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5 लाख तक बच्चे बनाएंगे भविष्य फिलहाल, कोटा में करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। परिणाम बेहतर होने के कारण आगामी दो साल में यानी 2020 तक यह संख्या 2 लाख से अधिक होने की संभावना है। और यही संख्या 2025 तक 5 लाख पहुंचने का भरोसा इंडस्ट्री से जुड़े शिक्षाविदें को है। वजह, वे मानते हैं कि यहां का स्टडी पैटर्न लगातार मजबूत हो रहा। नित नए प्रयोग किए जा रहे। सुविधाओं को भी बेहतर करने के प्रयास जारी हैं। जाहिर है, 5 लाख बच्चों के ही अनुपात में आज के मुकाबले 3 गुना तक इकॉनॉमी इस इंडस्ट्री की बूम करेगी। बच्चों पर आधारित बाजार, व्यापार में तीन साढ़े तीन गुना तक इजाफा होगा। ढांचागत विकास भी तेजी
से होगा।
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ज्यादा काउंसलिंग कॉल कोटा कोचिंग विद्यार्थियों को
वर्ष 2017 में जेईई में चयनित कोटा कोचिंग के 18,000 विद्यार्थी आईआईटी, एनआईटी व अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुए। मेडिकल एंट्रेन्स एग्जाम में भी कोटा कोचिंग से 62,547 चयनित विद्यार्थी मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल हुए।