राठी ने बताया कि राजस्थान परमाणु बिजलीघर की 5वीं इकाई का नियोजित द्विवार्षिक शटडाउन कार्य 41 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा था। 5वीं इकाई का शटडाउन 18 फरवरी को लिया गया। हर दो साल इकाई प्रचालन के बाद, योजना के अनुसार, देखरेख व मरम्मत के लिए इकाई का शटडाउन लिया जाता है। लगभग 40 दिन चलने वाले इस शटडाउन में इकाई के हर क्षेत्र के उपकरणों का निरीक्षण किया गया, जहां आवश्यक हुआ, वहां मरम्मत कार्य किया गया।
उन्होंने बताया कि 2 साल तक 5वीं इकाई से विद्युत उत्पादन करने के बाद रिएक्टर व टरबाइन के उपकरणों की जांच कर, आवश्यक होने पर मरम्मत भी की गई। मुख्य कार्यों में मॉडरेटर हीट एक्सचेंजर, कूलेंट चैनल इंस्पेक्शन, टरबाइन, जनरेटर, बायलर का निरीक्षण किया गया। इकाई के रिएक्टर भवन के कन्टेनमेंट का लीक प्रूफ टेस्ट पूरा किया गया। टरबाइन खोल कर निरीक्षण व रखरखाव कार्य के बाद पुनः बॉक्स-अप का कार्य पूरा कर लिया है। अन्य कार्यों जैसे एन.डी.सी.टी. कुलिंग टॉवर, फीडर पाइप, द्वितीयक प्रणाली, विद्युत व कंट्रोल उपकरणों का निरीक्षण व रखरखाव का काम पूरा किया। इसके अलावा व अन्य पाइप लाइनों की जांच व उपकरणों का कैलिब्रेशन आदि कार्य सफलतापूर्वक किए गए।
उन्होंने बताया कि 2 साल तक 5वीं इकाई से विद्युत उत्पादन करने के बाद रिएक्टर व टरबाइन के उपकरणों की जांच कर, आवश्यक होने पर मरम्मत भी की गई। मुख्य कार्यों में मॉडरेटर हीट एक्सचेंजर, कूलेंट चैनल इंस्पेक्शन, टरबाइन, जनरेटर, बायलर का निरीक्षण किया गया। इकाई के रिएक्टर भवन के कन्टेनमेंट का लीक प्रूफ टेस्ट पूरा किया गया। टरबाइन खोल कर निरीक्षण व रखरखाव कार्य के बाद पुनः बॉक्स-अप का कार्य पूरा कर लिया है। अन्य कार्यों जैसे एन.डी.सी.टी. कुलिंग टॉवर, फीडर पाइप, द्वितीयक प्रणाली, विद्युत व कंट्रोल उपकरणों का निरीक्षण व रखरखाव का काम पूरा किया। इसके अलावा व अन्य पाइप लाइनों की जांच व उपकरणों का कैलिब्रेशन आदि कार्य सफलतापूर्वक किए गए।
2014 में बनाया रिकॉर्ड
राजस्थान परमाणु बिजलीघर के केन्द्र निदेशक मनोज कुमार राठी ने बताया कि एनपीसीआईएल की राजस्थान परमाणु बिजलीघर की इस इकाई ने वर्ष 2014 में 765 दिन लगातार विद्युत उत्पादन करने का रिकॉर्ड बनाया था। जो उस समय भारत की सभी इकाइयों में सबसे अधिक दिन चलने का रिकॉर्ड था।
राजस्थान परमाणु बिजलीघर के केन्द्र निदेशक मनोज कुमार राठी ने बताया कि एनपीसीआईएल की राजस्थान परमाणु बिजलीघर की इस इकाई ने वर्ष 2014 में 765 दिन लगातार विद्युत उत्पादन करने का रिकॉर्ड बनाया था। जो उस समय भारत की सभी इकाइयों में सबसे अधिक दिन चलने का रिकॉर्ड था।
तय समय से पूर्व काम हुआ पूरा
केन्द्र निदेशक ने बताया कि इकाई का नियोजित द्विवार्षिक शटडाउन दो साल में एक बार लिया जाता है। लंबे समय तक इकाई से विद्युत उत्पादन करने के बाद इकाई के हर छोटे, बड़े उपकरणों की जांच की जाती है। 5 वीं इकाई का नियोजित द्विवार्षिक शटडाउन का कार्य तय समय से पूर्व पूरा कर दिया गया। परमाणु बिजलीघर में रखरखाव कार्यों की ऑडिट परमाणु उर्जा नियामक परिषद की ओर से की जाती है जो स्वतंत्र संस्था है। परमाणु उर्जा नियामक परिषद देशभर के परमाणु बिजलीघरों के प्रचालन के मापदंडों का समय समय पर निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी देती है। परमाणु उर्जा नियामक परिषद के पर्यवेक्षक परमाणु बिजलीघरों के कार्यों पर निगरानी रखते है।
केन्द्र निदेशक ने बताया कि इकाई का नियोजित द्विवार्षिक शटडाउन दो साल में एक बार लिया जाता है। लंबे समय तक इकाई से विद्युत उत्पादन करने के बाद इकाई के हर छोटे, बड़े उपकरणों की जांच की जाती है। 5 वीं इकाई का नियोजित द्विवार्षिक शटडाउन का कार्य तय समय से पूर्व पूरा कर दिया गया। परमाणु बिजलीघर में रखरखाव कार्यों की ऑडिट परमाणु उर्जा नियामक परिषद की ओर से की जाती है जो स्वतंत्र संस्था है। परमाणु उर्जा नियामक परिषद देशभर के परमाणु बिजलीघरों के प्रचालन के मापदंडों का समय समय पर निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी देती है। परमाणु उर्जा नियामक परिषद के पर्यवेक्षक परमाणु बिजलीघरों के कार्यों पर निगरानी रखते है।