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kota News: कोचिंग सिटी कोटा में बच्चों की आत्महत्या पर लगेगा ब्रेक, कलक्टर ने बनाया ऐसा बड़ा प्लान, पैरेंट्स को मिलेगी राहत

Rajasthan News: प्रशासन का दावा है कि कोटा में हर साल होने वाले छात्र आत्महत्या के मामलों पर ब्रेक लगाने में यह यूनिक आइडी काफी मददगार साबित होगी।

कोटाNov 09, 2024 / 09:15 am

Rakesh Mishra

आशीष जोशी
Coaching City Kota: कोचिंग सिटी में देशभर के स्टूडेंट्स की ‘सेफ्टी, सि€क्योरिटी और फैसिलिटी’ के लिए कोटा जिला प्रशासन यहां आने वाले हरेक विद्यार्थी की यूनिक आइडी तैयार करेगा। इससे प्रशासन के पास कोचिंग स्टूडेंट्स का पुख्ता रेकॉर्ड रहेगा। साथ ही यह आइडी स्टूडेंट ट्रेकर के रूप में भी काम करेगी। कोटा में स्टूडेंट फ्रेंडली मैकेनिज्म और एनवायर्नमेंट तैयार करने के लिए जिला प्रशासन, कोचिंग संस्थाएं और इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े लोग इस बार कई नवाचार कर रहे हैं।
प्रशासन का दावा है कि कोटा में हर साल होने वाले छात्र आत्महत्या के मामलों पर ब्रेक लगाने में यह यूनिक आइडी काफी मददगार साबित होगी। हॉस्टल-पीजी पर भी इस आइडी से नजर रखी जा सकेगी। इससे कोचिंग स्टूडेंट्स का सत्यापित डेटा भी सरकार को उपलŽध होगा। अब तक इन स्टूडेंट्स की संख्या और अन्य जानकारियों के लिए प्रशासन कोचिंग संस्थाओं पर ही निर्भर था।

स्टूडेंट्स को मिल सकेगी रियायतें

कोचिंग स्टूडेंट यूनिक आइडी से विद्यार्थियों को कोटा में कई तरह की रियायतें भी मिल सकेंगी। चंबल रिवर फ्रंट, सिटी पार्क और दशहरा मेले में इस आइडी से कन्सेशन दिया जा सकेगा। जिला प्रशासन का कहना है कि इसके अलावा भी सीएसयूआइडी से कोचिंग छात्रों को कई तरह की रियायतें देने की योजना बनाई जा रही है।

ऐसे तैयार होगी सीएसयूआइडी

कोटा जिला प्रशासन सभी कोचिंग संस्थाओं को इसके लिए विशेष फॉर्म उपलŽध करवाएगा। कोचिंग फॉर्म भरने से पहले इस फॉर्म को स्टूडेंट से भरवाना अनिवार्य होगा। इसमें स्टूडेंट के बारे में जरूरी जानकारी भरी जाएगी। इसके आधार पर प्रशासन कोचिंग स्टूडेंट को आधार जैसी यूनिक आइडी जारी करेगा। अल्फा-न्यूमरिक बार कोड आधारित होगी। इससे कोचिंग छात्र की विशेष पहचान रहेगी।

नए सत्र से मिलेगी यूनिक आइडी

कोचिंग संस्थानों में नए सत्र में प्रवेश के समय ही विद्यार्थियों को यूनिक आइडी देंगे। कोचिंग क्लासेज में प्रतिदिन अटेंडेंस सिस्टम को और पुख्ता किया जाएगा। किसी बच्चे के अनुपस्थित रहने पर संस्थान उसके कारणों का माइक्रो ऑŽजर्वेशन करेगा। इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन व पुलिस को देनी होगी। ताकि समय पर आवश्यक कदम उठा सके। कोचिंग संस्थानों की टीम समय-समय पर हॉस्टल-पीजी की विजिट करेगी। वे छात्रों से उस माहौल में जाकर मिलेंगे जहां वे रहते हैं।
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जिला प्रशासन ने कर ली तैयारी

कोटा में स्टूडेंट्स के लिए हेल्दी ईको सिस्टम पहले से ही है। अब स्टूडेंट फ्रेंडली मैकेनिज्म भी विकसित किया जा रहा है। नीट और जेईई की कोचिंग करने यहां आने वाले देश के हर स्टूडेंट की यूनिक आइडी तैयार करवाई जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है।
  • डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, जिला कलक्टर, कोटा
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