मेडिकल कॉलेज का रजत जयंती समारोह मेडिकल कॉलेज परिसर में रखा गया था। यहां चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ मुख्य अतिथि थे। समारोह के बाद जैसे मंत्री मंच से नीचे उतरने लगे तो 12 सूत्रीय मांगों को लेकर रेजीडेंट्स ने उन्हें घेर लिया, लेकिन उन्होंने उनकी मांगों पर अनसुना कर दिया। इससे रेजीडेंट्स डॉक्टर खफा हो गए। रेजीडेट्स मांगों को नारेबाजी करने लगे। मंत्री आगे-आगे और रेजीडेंट्स पीछे-पीछे नारे लगाते चलते रहे। मंत्री के रेजीडेंट्स के घेराव के चलते पुलिस हरकत में आई और उन्हें बाहर निकाला।
उधर, रेजीडेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजमल मीणा व
उदयपुर के रेजीडेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने उन्हें 1 दिसम्बर 2017 से सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन नहीं दिया गया। अन्य चिकित्सक के खिलाफ दमनकारी नीति अपनाई जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। डॉक्टर-डॉक्टर के साथ है। जल्द रेजीडेंट्स बैठक कर हड़ताल की आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
चिकित्सकों की हठधर्मिता… मीडिया से बातचीत में चिकित्सा मंत्री सराफ ने कहा कि सेवारत चिकित्सक
काम नहीं करना चाहते है, उनकी सभी मांगों को हमने मान लिया है। उनके ऑर्डर निकल गए, लेकिन चिकित्सक हठधर्मिता के आधार पर हड़ताल कर सरकार के घुटने टिकवाना चाहते है। यह संभव नहीं है। यदि वे आंदोलन करते है तो इसे सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार सेवारत चिकित्सकों के आगे नहीं झुकेगी। चिकित्सक को चिंटी की संज्ञा देने के मामले में मंत्री ने कहा कि इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। किसने कहां, कहां से आए। किसी ने हाथी कह दिया, किसी ने चिंटी कह दिया। कोई किसी के पास वीडियो है तो पेश करें। उन्होंने कहा कि जब तक चिकित्सक हड़ताल को विड्रोल नहीं करते, उनसे कोई वार्ता नहीं करेंगे। चिकित्सक हड़ताल करते है तो हमारा अधिकार है सख्ती से पेश आएंगे।