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Rajasthan News : युद्ध से हाड़ौती के सेंड स्टोन का 70 फीसदी निर्यात प्रभावित, निर्यातक ठिठके

Rajasthan News : यूक्रेन-रूस युद्ध के साथ सूड़ान युद्ध से हाड़ौती के सेंड स्टोन का 70 फीसदी निर्यात प्रभावित हो रहा है। निर्यातक ठिठके है। जानें क्या है वजह।

कोटाOct 27, 2024 / 02:32 pm

Sanjay Kumar Srivastava

रणजीतसिंह सोलंकी
Rajasthan News : यूक्रेन-रूस युद्ध के साथ सूड़ान युद्ध का सीधा असर हाड़ौती से निर्यात होने वाले सेंड स्टोन पर पड़ा है। युद्ध के कारण सेंड स्टोन का 70 फीसदी निर्यात प्रभावित हो रहा है। नए सौदे नहीं हो रहे, जबकि दशहरे के बाद से सेंड स्टोन की निर्यात के हिसाब से डिमांड शुरू हो जाती। सेंड स्टोन आयातित देशों में मौजूदा हालात के कारण नए सौदे नहीं हो रहे। अन्य देशों में डिमांड है, लेकिन माल भेजने में परेशानी आ रही है, क्योंकि मालवाहक जहाजों पर हमले किए जा रहे हैं। जहाजों का किराया कई गुना बढ़ा दिया है। इस कारण निर्यात पर असर पड़ रहा है।

हाड़ौती से होता है सबसे अधिक कोटा और सेंड स्टोन का निर्यात

हाड़ौती में सबसे अधिक निर्यात कोटा स्टोन और सेंड स्टोन का किया जाता है। सालाना 450 करोड़ का स्टोन यहां से निर्यात किया जाता है। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2023-24 के निर्यात की रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें राजस्थान से सभी उत्पादों का कुल निर्यात 83,704.24 करोड़ है।
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विदेशी हालातों का निर्यात पर असर

युद्ध के कारण यूरोपीय देशों में सेंड स्टोन की मांग पर विपरीत असर पड़ रहा है। इससे करोड़ों का नुकसान हो रहा है। पहले रोजाना 250 कंटेनर पत्थर निर्यात होता था, लेकिन अब बमुशिकल 50-60 कंटेनर ही निर्यात हो रहा है। हाड़ौती अंचल की खदानों में निर्यात गुणवत्ता का सेंड स्टोन निकलता है। इसकी सबसे ज्यादा खदानें बूंदी जिले के बरड़ क्षेत्र में हैं। करीब सात सौ खानों से सेंड स्टोन निकलता है।
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मालवाहक जहाजों पर हमले, माल भाड़ा कई गुना बढ़ा

सर्दी शुरू होते ही बर्फ वाले देशों में सेंड स्टोन की डिमांड बढ़ जाती है। हाड़ौती में दशहरे के साथ ही खानों में एक्सपोर्ट वाले पत्थर को तराशना शुरू किया जाता है। खानों में दिन-रात काम होता है। समय पर माल की आपूर्ति करनी होती है, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ अब सूड़ान में हो रहे हमलों का ज्यादा असर पड़ रहा है। विदेशों में डिमांड होने के बावजूद भी माल की सप्लाई नहीं कर पा रहे, क्योंकि सूडान के समुद्री मार्ग के जहाजों पर हमले किए जा रहे हैं। इस कारण माल भेजना जोखिम भरा है। पहले एक कंटेनर का भाड़ा 2000 डॉलर था, जो अब बढ़कर 7000 डॉलर हो गया है। इससे भी माल परिवहन भारी पड़ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले ही कारोबार बुरी तरह प्रभावित था। इस कारण खानों में घरेलू बाजार की डिमांड के हिसाब से माल निकाला जा रहा है।
उत्तम अग्रवाल, एक्सपोर्ट व सेंड स्टोन कारोबारी

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राजस्थान में निर्यात की स्थिति

4.79 फीसदी – प्लास्टिक एवं लिनोलियस
19.82 फीसदी – इंजीनियरिंग उत्पाद
13.36 फीसदी – रत्न व आभूषण
4.38 फीसदी – पत्थर
12.56 फीसदी – अन्य
9.54 फीसदी – हस्तशिल्प
5.48 फीसदी – रसायन
(स्रोत : सांख्यिकी विभाग)
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एक नजर

1- 70 फीसदी भागीदारी हाड़ौती व बिजौलिया क्षेत्र की प्रदेश में कुल सेंड स्टोन उत्पादन में।
2- 200 कंटेनर पत्थर निर्यात होता था हर साल।
3- 50-60 कंटेनर ही निर्यात हो रहे हैं वर्तमान में।
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