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विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने आईएल की जमीन पर पर मॉर्डन टाउनशिप विकसित करने तथा कम्पनी के 136 करोड़ रुपए माफ करने की घोषणा की। सरकार की घोषणा के बाद आईएल की जमीन के उपयोग को लेकर तरह-तरह की चल रही चर्चाओं पर विराम लग गया। आईएल फैक्ट्री में ट्रिपल आईटी के संचालन की योजना भी चल रही थी।
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सरकार की घोषणा के बाद नगर विकास न्यास के अफसर भी हक्के बक्के रह गए। उनके पास अभी तक इस जमीन पर मॉर्डन टाउनशिप विकसित करने की कोई कार्य योजना नहीं है। लेकिन, पिछले दिनों जिला प्रशासन और न्यास प्रशासन ने आईएल की जमीन की पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी थी। अभी तक भूमि आईएल फैक्ट्री कोटा के स्वामित्व में थी, अब यह यूआईटी को हस्तांतरित होगी। इसके बदले सरकार कंपनी के 136 करोड़ रुपए माफ करेगी।
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बड़ा सवाल : मोरों का क्या होगा
आईएल टाउनशिप राष्ट्रीय पक्षी मोरों का अघोषित ‘अभयारण्यÓ सी है। यहां अरसे से करीब 1000 मोर स्वच्छंद और अभय विचरण करते हैं। कारखाना बंद होने के बाद मोरों को लेकर सवाल उठ रहा था। पर्यावरण प्रेमियों ने पहल कर मोरों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था की। अब बड़ा सवाल यह है कि यहां मॉडर्न टाउनशिप बनाएंगे तो इन मोरों का क्या होगा। पक्षी प्रेमी चाहते हैं कि मोर स्थली को यथावत रखा जाए।
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