यह होता है हाइड्रो लीक टेस्ट
हाइड्रो टेस्ट में हाईप्रेशर कर पाइप लाइन में भारी पानी को उतने प्रेशर पर टेस्ट किया जाता है, जितने पर इन्हें कार्य करना है। भारी पानी का रिसाव न हो इसलिए यह टेस्ट न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए जरूरी होता है। देश में सबसे अधिक भारी पानी दाबित परमाणु रिएक्टर है। यह भी पढ़ें
Weather Update : मौसम विभाग का Prediction, जानें 8-9-10-11 नवम्बर को कैसा रहेगा मौसम
भारतीय तकनीक
रावतभाटा के इस भारी जल रिएक्टर का विकास परमाणु ऊर्जा विभाग ने किया है। भारी जल रिएक्टर का मुख्य सिद्धांत है कि इसमें भारी जल (ड्यूटेरियम ऑक्साइड) का उपयोग मॉडरेटर और कूलेंट के रूप में किया जाता है, जो न्यूट्रॉनों को धीमा करके परमाणु विखंडन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। यह प्रक्रिया स्थायी रूप से ऊर्जा उत्पादन को सुनिश्चित करती है। यह स्वदेशी परमाणु तकनीक की एक मिसाल है। यह भी पढ़ें
Indian Railways : रेलवे का तोहफा, इन 2 स्टेशन पर शुरू होगा ठहराव, आज से दौड़ेंगी 17 छठ पूजा स्पेशल ट्रेनें
स्वच्छ, स्थिर ऊर्जा स्रोत
परमाणु ऊर्जा को एक स्वच्छ और स्थिर ऊर्जा स्रोत माना जाता है। परमाणु संयंत्रों से विद्युत उत्पादन के दौरान ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत कम होता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र एक बार चालू हो जाने के बाद लंबे समय तक बिना प्रमुख रखरखाव के बिजली उत्पादन कर सकते हैं। इससे उत्पादन सस्ता पड़ता है। रावतभाटा जैसे परमाणु ऊर्जा संयंत्र देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जा रहे हैं। इस संयंत्र से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड की क्षमता बढ़ेगी। यह भी पढ़ें
Hanumangarh News : खाद्य सुरक्षा योजना पर अपडेट, पोर्टल खुला पर जनता परेशान, जानें क्यों
राजस्थान को मिलेगी आधी बिजली
परियोजना शुरू होने के बाद देश में परमाणु ऊर्जा 10 हजार 180 मेगावाट क्षमता की हो जाएगी। इससे राजस्थान को आधी बिजली मिलेगी। यह भी पढ़ें