सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती एक प्रसूता की मंगलवार रात मौत हो गई। इलाज में लापरवाही का आरोप लगा आक्रोशित परिजनों और लोगों ने बुधवार सुबह अस्पताल में हंगामा कर दिया। गुस्साए लोगों के तेवर देख चिकित्सा प्रभारी डॉ. उमेश विजय व नर्सिंग स्टाफ ने पहली मंजिल पर बने कमरे में बंद होकर अपना बचाव किया।
गुस्साए लोगों ने कमरे के शीशे व परिसर में खड़ी डॉ. विजय की कार के भी शीशे तोड़ दिए। पुलिस की समझाइश के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी करने लगे। भीड़ ने अस्पताल में मौजूद डॉ. नैयर अली पर भी हमले का प्रयास किया। बाद में लोग इटावा रोड स्थित डॉ. विजय के आवास पर पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
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यह है मामला मांगरोल निवासी राजेन्द्र नागर की पत्नी ममता बाई (30) को प्रसव के लिए महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरधर गोपाल नागर ने मंगलवार शाम 4 बजे अस्पताल में भर्ती किया था। बाद वे मुख्यालय छोड़ कर चले गए। रात करीब 12 बजे महिला बेहोश हो गई तो प्रसव के लिए ले जाया गया। सूचना पर रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉ. नैयर अली जब तक पहुंचे प्रसूता की मौत हो चुकी थीं। गर्भस्थ शिशु की जान बचाने के लिए डॉ. नैयर अली ने सीनियर की सलाह पर रात साढ़े बारह बजे मृत महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे को बारां रैफर कर दिया। बारां अस्पताल में पहुंचने पर ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने जच्चा व बच्चा मृत बताकर वापस भेज दिया। एक साथ दो मौत होने पर परिजन आक्रोशित हो उठे।