उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम चारों दिशाओं में श्रद्धा का माहौल था। कहीं जयकारे गूंज रहे थे, कहीं मंत्रों की गूंज के साथ गणपति बप्पा के फिर से जल्द आने की मनुहार थी। हर तरफ उत्साह, रोमांच, भक्ति भाव, सेवा व समर्पण का भाव नजर आया। स्वागत सत्कार में किसी ने पेठा तो किरी ने पंचमेवा तो किसी ने फल वितरित किए। पूड़ी, पकौड़ी, आलूबड़े से लेकर पेठे की मनुहार में कोई पीछे नहीं रहा। अवसर था, कोटा में गणपति बप्पा की विदाई की अनंत शोभायात्रा का। अनन्त चतुर्दशी पर कोटा में शोभायात्रा के बाद गणेश प्रतिमा विजर्सित करते श्रद्धालु। किशोर सागर तालाब पर विसर्जन के लिए लाई गणेश प्रतिमा से विश मांगती महिलाएं। किशोर सागर तालाब पर विसर्जन के लिए कार से गणेश प्रतिमा लेकर आती बच्चियां। किशोर सागर तालाब पर के्रेन की सहायता से गणेशजी की बड़ी प्रतिमा का विसर्जन किया गया। किशोर सागर तालाब में गणेश विसर्जन के लिए उमड़े श्रद्धालु।