href="https://www.patrika.com/kota-news/hanging-bridge-will-be-inaugurated-without-load-testing-report-1-1737823/" target="_blank" rel="noopener">लोड टेस्टिंग रिपोर्ट ‘लापता’, हुंडई की गारंटी पर एनएचएआई ने खेला उदघाटन का दांव
href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा के केंद्रीय कारागार में मंगलवार को हड़कंप मच गया। शराब तस्करी के आरोप में सजा काट रहा कैदी देवेंद्र बैरक खुलने के बाद अचानक जेल परिसर में लगे पीपल के पेड़ पर चढ़ गया। जेल प्रशासन ने उसे नीचे उतारने की काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना और पेड़ पर ही चढ़ा रहा। किसी अनहोनी की आशंका के चलते जेल प्रशासन ने पेड़ के नीचे जाल बिछा दिया, लेकिन काफी देर तक जब देवेंद्र पेड़ से नीचे नहीं उतरा तो अग्निशमन विभाग के दस्ते को जेल में बुलाया गया।
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काम नहीं आई कोई तरकीब जेल में कैदी के पेड़ पर चढ़ने की खबर लगते ही अग्निशमन विभाग का दस्ता भी कोटा सेंट्रल जेल पहुंच गया। गोताखोरों की टीम ने पेड़ के नीचे सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने के बाद देवेंद्र को नीचे उतारने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद कैदी को समझाने के लिए अग्निशमन विभाग के गौरी शंकर कश्यप और चंगेज खान को पीपल के पेड़ पर चढ़ाया गया। दोनों लोगों ने मिलकर देवेंद्र को समझाने की कोशिश की। मनोवैज्ञानिक रूप से उसे नीचे उतरने की कोशिश असफल रहने पर दोनों ने उसे नीचे लगे जाल पर गिराने की भी कोशिश की, लेकिन इस काम में भी उनको कोई सफलता नहीं मिल सकी।
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ढ़ाई घंटे बाद मिली सफलता काफी कोशिश के बाद देवेंद्र ने दीनू नाम के कैदी को पेड़ पर बुलाने की मांग की। जिस पर जेल प्रशासन ने दीनू नाम के कैदी को तलाशा और जैसे तैसे पेड़ पर चढ़ाया। करीब दस मिनट तक पीपल के पेड़ पर ही दीनू और देवेंद्र की बातचीत चलती रही। जिसमें दीनू उसे नीचे उतरने के लिए मनाने में सफल हो गया। दीनू की कोशिशों के बाद ही करीब ढ़ाई घंटे बाद देवेंद्र पेड़ से नीचे उतरा। जेल प्रशासन ने जब देवेंद्र से बात की तो पता चला कि देवेंद्र ने जेल में बंद कैदियों से जेल से छूटने का रास्ता पूछा था, जिस पर उन्होंने उसे पेड़ पर चढ़ने की सलाह दे दी और वह इस मजाक को समझे बिना ही पेड़ पर चढ़ गया।