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जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं
सरकार ने कोटा विवि को परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन विवि के कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा का कार्यकाल 4 महीने और कुलसचिव डॉ. संदीप सिंह चौहान का कार्यकाल दो महीने में खत्म होने वाला है। वहीं विवि में सिर्फ तीन प्रोफेसर हैं। इनमें से किसी एक को एग्जाम कॉर्डिनेटर बनाया जाना है, लेकिन विवि के आला अधिकारी और शिक्षक इस जिम्मेदारी से बचने में जुटे हैं।
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स्टाफ की कमी का हवाला
आला अफसरों और शिक्षकों की टालमटोल के बाद विवि प्रशासन ने स्टाफ की कमी का हवाला देकर सरकार से प्री-बीएसटीसी प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी किसी और विवि को सौंपने का आग्रह किया है, जबकि मौजूदा स्टाफ की मदद से कोटा विवि वर्ष 2017 में प्री-बीएसटीसी और इससे भी आधा स्टॉफ होने पर वर्ष 2016 में पीटीईटी प्रवेश परीक्षा आयोजित करा चुका है।
ये था प्रस्तावित कार्यक्रम
फरवरी : एग्जाम के लिए पंजीकरण।
मार्च : आखिरी सप्ताह तक ऑनलाइन फीस जमा।
अप्रेल : परीक्षा आयोजन।
जून : परीक्षा परिणाम।
जुलाई-अगस्त : काउंसलिंग और सीट अलॉटमेंट।
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नहीं बढ़ेगी फीस
हालांकि इन सबके बीच अच्छी खबर यह है कि चुनावी साल होने के कारण प्री-बीएसटीसी प्रवेश परीक्षा की फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। प्री-बीएसटीसी संस्कृत, अल्पभाषा और बीएसटीसी सामान्य में से किसी एक पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए 400 रुपए और सभी पाठ्यक्रमों की परीक्षा में शामिल होने के लिए 450 रुपए परीक्षा शुल्क देना होगा।
कोटा विवि कुलसचिव डॉ. संदीपसिंह चौहान का कहना है कि प्री-बीएसटीसी 2018 की जिम्मेदारी मिली है, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते परीक्षा कराने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। सरकार को मौखिक जानकारी दे दी है। अब पत्र लिखकर अवगत करावाएंगे। सरकार मेंडेट्री करती है तो विवि प्रशासन परीक्षा कराएगा।