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हैड कांस्टेबल रामसिंह ने बताया कि मामले के अनुसार, चम्पालाल पर आरोप है कि इसने 30 मई 1990 को आईएल कर्मचारी अनंतपुरा निवासी रामचंद्र से शराब पीने के लिए 50 रुपए मांगे थे। उसने रुपए देने से मना कर दिया तो इसने और इसके भई ने मिलकर उसके साथ मारपीट की थी। इस पर रामचंद्र की रिपोर्ट पर पुलिस ने चम्पलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। यह उसके बाद से ही फरार चल रहा था।
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स्थायी वारंटी था
अदालत ने वर्ष 2000 में इसके स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। पुलिस इसे तलाशने के लिए कई बार गांव गई लेकिन इसने अपने पिता का असली नाम मांगीलाल सेे बदलकर बद्रीलाल उर्फ काशीराम कर लिया था। जिससे यह पकड़ में नहीं आ रहा था। वे भी इसे पकडऩे के लिए 5 साल से प्रयास कर रहे थे। गुरुवार को जब इसे पकड़कर थाने लाए तो यहां भी वह अपनी बात पर अड़ा रहा। लेकिन बाद में उसकी मां मथुराबाई के नाम से इसकी पहचान हुई। जिस पर इसे गिरफ्तार किया गया। शुक्रवारको उसे अदालत में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया।