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थाने के एएसआई व अनुसंधान अधिकारी बाबूलाल ने बताया कि महावीर नगर प्रथम निवासी व्यापारी निर्मल कुमार जैन ने रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि उनका कार्यालय वल्लभबाड़ी में है। करीब एक साल पहले डीपीएल पेंट्स प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के निदेशक सुमित गौतम से उनका सम्पर्क हुआ। उन्होंने अपने प्रतिनिधियों के जरिए उनसे कोटा में पेंट्स, सफेद सीमेंट, पुट्टी समेत अन्य सामग्री की डीलरशिप देने का एग्रीमेंट किया। इसके लिए गोदाम तलाशने को कहा था, इसका किराया भी उन्हें ही देना था। यह भी पढ़ें
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एग्रीमेंट के हिसाब से उन्होंने कम्पनी के खाते में 34 लाख रुपए जमा करवा दिए। गौतम ने उन्हें माल भी भेज दिया। माल कम्पनी के प्रतिनिधियों के जरिए बेचना शुरू किया, लेकिन खराब व घटिया क्वालिटी का होने से लोगों ने माल खरीदा ही नहीं। इस बारे में जब सुमित गौतम से शिकायत की तो उसने यहां आकर देखने व दूसरा माल भेजने को कहा, लेकिन न तो उसने माल भेजा, न ही वह आया। उसके प्रतिनिधि भी गायब हो गए। इसके बाद वे दिल्ली उससे मिलने गए तो वह मिलने से भी आनाकानी करने लगा। इस रिपोर्ट पर सुमित गौतम व उसकी टीम के खिलाफ 25 जुलाई को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
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5 दिन की तलाश के बाद मिला
बाबूलाल ने बताया कि सुमित की तलाश के लिए वे दिल्ली गए थे। वहां उसने अपना कार्यालय व मकान तक बदल लिया। 5 दिन की तलाश के बाद वह मिला। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया।
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