दरअसल, आर्यन सिंह ने एक रोबोट का अविष्कार किया है, जो किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। जिसकी चर्चा पूरे कृषि जगत में हो रही है। चयन प्रकिया के दौरान यह रोबोट कृषि मंत्रालय भेजा गया। मंत्रालय ने इस अविष्कार की तारीफ की है। आर्यन ने बताया कि उन्होंने जो रोबोट का इनोवेशन किया है वह किसानों के लिए मददगार साबित होगा।
किसानों के फसलों की सुरक्षा करेगा
इसकी खासियत यह है कि ये एग्रो बोट सिस्टम से खेत की सुरक्षा का काम करेगा। इसके माध्यम से खेत में बुवाई, खुदाई और वाटर सप्लाई की मॉनिटरिंग की जा सकेगी। फिलहाल यह रोबोट टेस्टिंग प्रकिया से गुजर रहा है। वहां से अप्रूवल मिलने के बाद वह किसानों को उपलब्ध होगा। इसके जरिए किसानों को फसल सुरक्षा में आसानी होगी। रोबोट बनाने के लिए फिलहाल ₹50000 का खर्च आया है।
क्या है पीएम राष्ट्रीय बाल पुस्कार?
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों की असाधारण उपलब्धियों को पहचानना और उनका जश्न मनाना है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक और एक प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2024 छह श्रेणियों – कला और संस्कृति (7), बहादुरी (1), नवाचार (1), विज्ञान और प्रौद्योगिकी (1), सामाजिक सेवा (4), और खेल (5) में दिया जा रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 22 जनवरी को 19 बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे। ये बच्चे, जिनमें नौ लड़के और 10 लड़कियाँ शामिल हैं, 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।
ऐसे होता है चयन
इसकी चयन प्रकिया महिला व बाल विकास(डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय एवं नीति आयोग द्वारा किया जाता है। इस वर्ष मंत्रालय ने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करके नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष उपाय किए। राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल 9 मई से 15 सितंबर तक विस्तारित अवधि के लिए नामांकन के लिए खुला रहा। मंत्रालय ने कहा कि ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं सहित विभिन्न स्तरों पर पुरस्कारों को प्रचारित करने के प्रयास किए गए। इसमें कहा गया है कि चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए, पिछले दो वर्षों में डेटा क्रॉलिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नियोजित किया गया था।
योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से भी परामर्श लिया गया। दावों को सत्यापित करने और चयन प्रक्रिया की कठोरता को बनाए रखने के लिए, जिला मजिस्ट्रेटों और डोमेन विशेषज्ञों द्वारा जांच सहित कई परतें लागू की गईं। बयान में कहा गया है कि एक स्क्रीनिंग कमेटी, जिसमें सामाजिक सेवा, पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला और संस्कृति और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे, उन्होंने शॉर्टलिस्ट किए गए प्रोफाइल की जांच की।