यह भी पढ़ें
OMG: दशहरा मेले में चोरी करने आए कई राज्यों के गिरोह, 3 महिलाएं पर्स चुराते पकडीं
बदलवाया कैप्शन अवलोकन के दौरान राजनिवास बीकानेर में 1930 में आयोजित वैवाहिक भोज के दौरान लिए गए फोटो पर बृजराज सिंह रुक गए। उन्होंने फोटो में खड़े लोगों को गौर से देखा। यहां पहली पंक्ति में खड़े लोगों के नाम सही थे, लेकिन दूसरी पंक्ति में खड़े लोगों के नाम गलत लिखे हुए थे। इस पर उन्होंने कोटा हैरिटेज सोसायटी की विक्टोरिया सिंह को टोका और कैप्शन सही करने की बात कही। इसके बाद सभी के नाम लिखवाए। यह भी पढ़ें
भामाशाह कार्डधारी मरीज से मांगा पैसा, परीजनों ने किया हंगामा
टाइगर की बात शाम को दो व्याख्यान हुए। पहला मुकुंदरा में टाइगर के रिलोकेशन पर वन्यजीव विशेषज्ञ उर्वशी शर्मा का हुआ। उर्वशी ने रिलोकेशन के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टाइगर के इस क्षेत्र में लाने का अर्थ है पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए काम करना, क्योंकि टाइगर अपनी टेरेटरी बनाता और इस क्षेत्र में मानवीय दखल खत्म सा हो जाता है। ऐसे में जंगल और जीव सभी अप्रत्यक्षरूप से सुरक्षित रहते हैं। यह भी पढ़ें
धूल के गुबारों ने लूटी मेले की रौनक…दुकान मेले में, पानी भरो किशोरपुरा से
जलमानुष पर खतरा द्वितीय व्याख्यान औटर पर हुआ। जलमानुष कहलाने वाले इस जीव पर स्लाइड शो के जरिए प्रजेन्टेशन दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि चम्बल की अपस्ट्रीम में 16, जवाहर सागर में 4 और गांधीसागर में इसकी गणना का पता नहीं है। आरएस तौमर ने बताया कि यह जीव शर्मिला है। मनुष्य या अन्य किसी जीव के सामने आने पर उसके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है। इनकी संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। प्रदर्शनी 4 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
यह भी पढ़ें