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लाडपुरा क्षेत्र के प्रतिष्ठित दवा व्यवसायी यहां 2008-09 में सर्वे की कार्रवाई हुई थी। उस समय उजागर हुई अघोषित आय पर व्यवसायी पर 40 लाख रुपए के टैक्स, पेनल्टी की मांग थी। जिसके व्यवसायी ने एडवांस चेक भी दिए थे, जो क्लियर नहीं हो पाए थे। बुधवार को अधिकारियों ने व्यापारी को कार्यालय में बुलाया। इससे बकाया टैक्स की मांग की गई। व्यापारी ने एडवांस चेक देने का प्रस्ताव रखा तो अधिकारियों ने स्पष्ट मना कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि 10 साल से चेक ही दे रहे हो, अब तक क्लियर नहीं हुए। समस्त बकाया जमा कराते हो तो ठीक है, नहीं तो जेल की हवा खाने के लिए तैयार हो जाओ।
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व्यापारी द्वारा शाम तक भी बकाया जमा नहीं कराने पर विभागीय अधिकारियों ने पुलिस को बुलाकर व्यापारी को सौंप दिया। आयकर विभाग ने व्यापारी का नाम गोपनीय रखा है। फर्म बदलकर कर रहा था कारोबारव्यवसायी के परिवार के अन्य सदस्यों पर भी वर्ष 2005-06 व 2006-07 की बकाया मांग चल रही थी। दो बेटों द्वारा कोटा व जयपुर में अलग-अलग फर्में बनाकर कारोबार किया जा रहा है। व्यवहारी व उनके पारिवारिक सदस्यों को बकाया मांग जमा कराने के लिए कई बार नोटिस थमाए गए, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।