दशहरा मेला मैदान में रविवार को पीस मिशन राजस्थान के तत्वावधान में पैगामे अम्न कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के धर्म गुरु शामिल हुए। हर किसी ने सिर्फ एक ही बात कही कि धर्म और महजब सभी बाद में, पहले देश और उसकी रक्षा है। इस भारत को अखंड बनाना है।
इस दौरान ये सब धर्मों का गुलशन है, यहां शूल किसने बो दिए…सरीखे गीत सुनाए तो हिन्दुस्तान जिंदाबाद के जयकारे गूंज उठे। गीता, कुरान, गंगा, राम कृष्ण , मोहम्मद साहब, नानक देव की भी चर्चाएं हुई। कार्यक्रम मेंं मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि देश व समाज के विकास के लिए एकता और भाईचारे की आवश्यकता है। मिलकर रहेंगे तो देश आगे बढ़ेगा। इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
इस दौरान ये सब धर्मों का गुलशन है, यहां शूल किसने बो दिए…सरीखे गीत सुनाए तो हिन्दुस्तान जिंदाबाद के जयकारे गूंज उठे। गीता, कुरान, गंगा, राम कृष्ण , मोहम्मद साहब, नानक देव की भी चर्चाएं हुई। कार्यक्रम मेंं मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि देश व समाज के विकास के लिए एकता और भाईचारे की आवश्यकता है। मिलकर रहेंगे तो देश आगे बढ़ेगा। इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना फज्ले हक कादरी ने की। उन्होंने अमन चैन शांति और बच्चों को शिक्षित बनाने का संदेश दिया। अखंड भारत बनाना है कार्यक्रम की सरपरस्ती करते हुए जबलपुर से आए अल्लामा सय्यद कौसर रब्बानी ने रामचरित मानस की चौपाईयां सुनाई तो कुरान की तिलावतों से भी समझाया। उन्होने कहा कि धर्म तो एक है। धर्म के विपरीत जो है व अधर्म है। हमें अधर्म से बचना है। उन्होने कहा कि देश व मातृभूमि की रक्षा के लिए खून का एक-एक कतरा भी देना पड़े तो तैयार रहो। राजनीति के नाम पर नफरतो के बीज बोने वाले लोगोंं से उन्होने कहा कि बांटने की कोशिश नहीं करें, बल्कि अखण्ड भारत बनाने के लिए एकजुट रहे। भारत से अलग देशों को भारत में मिलाने के लिए सोचें।
संतों के लिए सब एक
संत गोविंद दास महात्यागी ने कहा कि संत फकीरों के लिए सब समान हैं। उनके लिए जात-पात का कोई भेद नहीं होता। यही सीख वे सभी को देते हैं। गंगा का पानी कोई भी पी सकता है। पेड़, हवा भी भेद नहीं करती तो इंसान क्यों करे। ज्ञानी गुरनाम सिंह अंबालवी ने दिलों की कालिख को मिटाकर दिलों को उजला बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने अन्य मंचासीन अतिथियों और पदाधिकारियों के साथ शांति का परचम लहराया।
गीतों से दिया संदेश
शाईर मंजर भोपाली ने ये धरती सब धर्मों का गुलशन है शूल किसने बो दिए…ये सोने का कंगन है…चांदी का दर्पण है..,सुबह उठें मोहब्बत से उठें, सोएं मोहब्ब्त के साथ.., सरीखे गीतों की प्रस्तुतियां दी। पैगामे अम्न कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम में मिशन के सरपरस्त मोहम्मद मिया, महासचिव नियाज अहमद निक्कू, इस्तकबालिया कमेटी के अध्यक्ष रामकुमार दाधीच, प्रवक्ता आसिफ खान, जिलाध्यक्ष अब्दुल करीम खान, सह संयोजक मंजूर तंवर, दानिश पठान समेत अन्य लोग मौजूद रहे।