कोटा. केसरिया रंग तने लाग्यो ना गरबा…, ढोलिडा ढोल रे वगाड़ा मारे हीच लेवे छे…,पंखिड़ा रे उड़ने जाजे पावागढ़ रे.., राधे-राधे बरसानी वाली राधे…, ओढऩी ओढूं तो उड़ी-उड़ी जाए…, झूमे रे गोरी, घूमे रे गोरी… समेत सरीखे कई गीतों की धुनों पर जमकर गरबा खेला गया। गुजराती-पंजाबी गीतों और परंपरागत वेशभूषा की जुगलबंदी ने माहौल संस्कृति से लबरेज कर दिया। देर रात गरबा व डांडिया का खुमार रहा। गरबे की धुन पर गरबा प्रेमियों के कदम थिरकते नजर आए। राजस्थान पत्रिका प्रस्तुत, विमल इलायची, पावर्ड बाय हरमीत हुंडई के संयुक्त तत्वावधान में बारां रोड स्थित तुलसी रिसोर्ट में अंतिम दिन डांडिया महोत्सव का आयोजन हुआ। रविवार को अवकाश के चलते बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ जुटी। पूरा पांडाल गरबा प्रेमियों से खचाखच भरा हुआ रहा। आयोजन का हिस्सा बनने के लिए शहर के कौने-कौने से लोग पहुंचे।
कोटा•Oct 07, 2024 / 07:00 pm•
नीरज गौतम
Hindi News / Photo Gallery / Kota / Patrikadandia:कोटा के सबसे बड़े राजस्थान पत्रिका व विमल इलायची डांडिया महोत्सव का समापन : सुर, लय, ताल से सजे उत्सव के रंग, देर रात तक चढ़ा गरबा-डांडिया का खुमारकोटाशहर के सबसे बड़े राजस्थान पत्रिका व विमल इलायची डांडिया महोत्सव का समापन : सुर, लय, ताल से सजे उत्सव के रंग, देर रात तक चढ़ा गरबा-डांडिया का खुमार