दशहरा की राम-राम से लेकर बरसात-फसलों पर फीडबैक-चर्चा और मेला अव्यवस्थाओं पर तंज तक गढ़ पैलेस में शनिवार को सजे दरीखाने की जाजम पर सामने आए।
दशहरा पर्व विजयोत्सव के परिप्रेक्ष्य में शनिवार को गढ़ पैलेस में यह परंपरागत दरीखाना लगाया गया।
हाड़ौती के पूर्व ठिकानों के प्रतिनिधि परम्परागत वेशभूषा में सज संवर कर पूर्व राजपरिवार के सदस्य बृजराज सिंह, इज्यराज सिंह से दशहरा के राम-राम करने पहुंचे।
ज्यों-ज्यों सूरज अस्ताचल की ओर जाता गया त्यों-त्यों विद्युत रोशनी से दरीखाने की आभा बढ़ती गई।
सांसद ओम बिरला दशहरे की राम-राम करने पहुंचे तो सबसे पहले उन्होंने पूर्व सांसद बृजराज सिंह से स्वास्थ्य के बारे में पूछा।
इसके बाद राजसी वैभव के साथ भगवान लक्ष्मीनारायण की सवारी रवाना हुई। इसमें बैंड-बाजे के अलावा कालबेलिया नृत्यांगनाएं, वानर सेना आदि शामिल थे। भगवान के पीछे खुली जीप में पूर्व राज परिवार के सदस्य इज्यराज सिंह सवार हुए।
दरीखाने के दौरान पूर्व राजपरिवार के सदस्य बृजराज सिंह ने दशहरा मैदान के बिगड़ते वैभव को लेकर महापौर महेश विजय पर तंज कसा।
विधायक हीरालाल नागर से उन्होंने सांगोद में गांधी प्रतिमा स्थापना को लेकर पिछले दिनों हुए विवाद के बार में जानकारी ली। फसल, बरसात, तालाब में पानी का फीड बैक लिया।
पूर्व राजपरिवार के सदस्य बृजराज सिंह ने महापौर महेश विजय से कहा कि काईं कर र्या छो। पूरो दशहरो बिगाड़ क् रख द्यो। अस्यो विकास कांई काम को। ई सूं तो पैल्यां ही चोखो छो।
गढ़ में भगवान लक्ष्मीनारायण व शमी के वृक्ष की पूजा-अर्चना के बाद करीब पौने छह बजे पूर्व राजपरिवार के सदस्य बृजराज सिंह, इज्यराज सिंह आए तो आगंतुओं की ओर से राम-राम करने का सिलसिला शुरू हो गया।
दरीखाने में विधायक भवानी सिंह राजावत, संदीप शर्मा, यूआईटी चेयरमैन आरके मेहता, न्यास विशेषाधिकारी कीर्ति राठौड़, पूर्व महापौर सुमन शृंगी, कांग्रेस महासचिव पंकज मेहता, इतिहासकार डॉ. जगतनारायण श्रीवास्तव, राव माधो सिंह ट्रस्ट के निखिलेश सेठी, ठाकुर पृथ्वी ङ्क्षसह पालकिया, इन्टेक संयोजक हरिसिंह पालकिया, बूंदी की पूर्व रियासत से श्रीनाथ सिंह हाड़ा, रणवीर सिंह झाला, हेमंत झाला, कोटड़ा से शंभूसिंह और भाजपा देहात जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
पूर्व राजपरिवार के सदस्यों ने आम जनता से भी मुलाकात कर उनकी परेशानियां पूछीं।
इस दौरान दरीखाने पर मौजूद कोटा के पूर्व ठिकानेदारों ने भी एक दूसरे को बधाईयां दी।
लोगों में पूर्व राजपरिवार के सदस्यों का आशीर्वाद लेने की होड़ लगी रही।
इस दौरान गढ़ पैलेस की शाही छटा देखते ही बन रही थी।