कोटा

राजस्थान के इस अस्पताल में स्ट्रेचर का काम करते हैं तीमारदारों के कंधे, और जिनका है यह काम वो लेते 100 रूपए

कोटा. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पत्रिका टीम ने निरिक्षण किया और हालात बेहद बुरे निकले।

कोटाDec 28, 2017 / 08:58 am

abhishek jain

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध न होने के कारण तीमारदारों को ही मरीजों को हाथों में उठाकर ले जाना पड़ रहा है।
अस्पताल प्रशासन का दावा है कि उनके पास 10 स्ट्रेचर हैं। चारों गेट पर 10 स्ट्रेचर व स्टे्रचरमैन तैनात कर रखे हैंं। उनका काम गंभीर मरीजों को लाना व ले जाना है। लेकिन ‘पत्रिका टीम’ ने हालात खंगाले तो एक भी रनिंग स्ट्रेचर नहीं दिखाई दिया। हां, गोदी में उठाकर रोगियों को ले जाते परिजन जरूर दिखे। चारों गेटों पर भी एक स्ट्रेचर व ट्रॉलीमैन नहीं दिखाई दिए। तीमारदार गंभीर मरीजों को एम्बुलेंस से सीधे हाथों व गोदी में उठाकर चिकित्सकों तक ले जाते वापस लाते दिखाई दिए।
 

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मरीज लाने ले जाने के सौ रुपए?
सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने स्ट्रेचरमैन को वार्ड बॉय का दायित्व भी दे रखा है। उन्हें वार्डों में लगा रखा है। इस कारण स्ट्रेचरमैन दिखाई नहीं देते हैं। कई तीमारदारों का आरोप था कि स्ट्रेचरमैन परिजनों से पैसा वसूलते हैं। वे मरीजों को लेकर जाने पर सौ रुपए तक ले रहे हैं।
खड़ी रहती है अवैध एम्बुलेंस
अस्पताल परिसर में कुछ अवैध एम्बुलेंस चलने का मामला भी सामने आया है। आधा दर्जन ऐसी एम्बुलेस चल रही है। अस्पताल प्रशासन ने भी पुलिस को ऐसी एम्बुलेसों की सूची सौंप दी है। अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि पुलिस की मदद से उन्हें हटाया जाएगा।
 

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कबाड़ में पड़े हैं तीन दर्जन
अस्पताल में करीब तीन दर्जन स्ट्रेचर अरसे से कबाड़ में पड़े हैं। अस्पताल प्रशासन इन्हें दुरुस्त नहीं करा रहा है। तीमारदारों का कहना है कि इन स्ट्रेचर्स को दुरुस्त करा दिया जाए तो बड़ी राहत मिल सकती है।
न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक देवेन्द्र विजयवर्गीय का कहना है कि अस्पताल में 10 स्ट्रेचर ठीक हैं। इमरजेंसी भी पांच पड़े हैं। इससे मरीजों को परेशानी नहीं होगी। स्ट्रेचरमैन गेट पर खड़े नहीं होते हैं तो इन्हें पाबंद करेंगे, गलत काम नहीं करने के लिए पाबंद किया जाएगा।
 

हड़ताल खत्म

प्रदेशभर में 12 दिन तक चिकित्सकों की हडताल के दौरान 50 से ज्यादा मौतों के बाद बुधवार 27 दिसंबर को सरकार और डॉक्टरों के बीच समझौता हो गया और हड़ताल समाप्ति की घोषणा हो गई।

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