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NGT ने कोटा थर्मल और 2 उद्योगों को थमाया नोटिस, जानें कारण

एनजीटी ने डीसीएम, श्रीराम रेयॉन्स श्रीराम नगर एवं मैसर्स कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन सकतपुरा को विपक्षी पक्षकार कायम करने पर स्वीकृति प्रदान की है।

कोटाOct 28, 2024 / 02:45 pm

Akshita Deora

Kota News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चम्बल को प्रदूषित करने के मामले में कोटा के तीन उद्योगों को नोटिस जारी कर 9 जनवरी तक जवाब मांगा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेन्ट्रल जोनल बैच भोपाल के न्यायाधिपति शिवकुमार सिंह, न्यायिक सदस्य एवं डॉ. ए. सेंथिल विशेषज्ञ सदस्य की बैंच ने पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू की अधिवक्ता दीक्षा चतुर्वेदी के मार्फत दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जाजू के निवेदन पर कोटा के तीन उद्योगों को प्रदूषण फैलाने में आवश्यक पक्षकार मानते हुए विपक्षी पक्षकार कायम कर नोटिस जारी कर 9 जनवरी तक जवाब मांगा है। एनजीटी ने डीसीएम, श्रीराम रेयॉन्स श्रीराम नगर एवं मैसर्स कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन सकतपुरा को विपक्षी पक्षकार कायम करने पर स्वीकृति प्रदान की है।
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एनजीटी की याचिका संख्या 318/2014 बाबूलाल जाजू बनाम राजस्थान राज्य व अन्य में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल बैंच ने गंदे नालों को देश की एकमात्र घड़ियाल सेंचुरी चम्बल में जाने से रोककर नालों के पानी को एसटीपी प्लांट लगाकर पानी को साफ करके ही चम्बल में छोड़े जाने के निर्देश दिए थे, जिस पर कोटा प्रशासन, स्थानीय निकायों और प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा एकमात्र एसटीपी प्लांट लगाया गया है, जो पूरी तरह से कार्य भी नहीं कर रहा है। सरकार की करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद लगभग 15 प्रतिशत पानी का शोधन ही हो रहा है, बाकी सीधे नदी में जा रहा है, जिससे सड़ांध आ रही है। 10 वर्ष पूर्व दायर याचिका में पारित आदेशों की पालना कोटा प्रशासन नहीं कर पाया है।

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