AIR-1-Topper : एक नजर
नीट टॉपर- शोएब आफताब राउरकेला (ओडिशा)
पिता : शेख मोहम्मद अब्बास, व्यवसायी
माता : सुल्ताना रिजया, गृहिणी
कोचिंग : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा ( ALLEN Career Institute Kota ) के क्लासरूम स्टूडेंट शोएब आफताब ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं। शोएब अपने परिवार में पहला है, जो मेडिकल की पढ़ाई करेगा और डॉक्टर बनेगा।
नीट टॉपर- शोएब आफताब राउरकेला (ओडिशा)
पिता : शेख मोहम्मद अब्बास, व्यवसायी
माता : सुल्ताना रिजया, गृहिणी
कोचिंग : एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट कोटा ( ALLEN Career Institute Kota ) के क्लासरूम स्टूडेंट शोएब आफताब ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं। शोएब अपने परिवार में पहला है, जो मेडिकल की पढ़ाई करेगा और डॉक्टर बनेगा।
शोएब ने बताया कि डॉक्टर बनना सपना था जो अब साकार होने जा रहा है। वर्ष 2018 में सिटी कोटा आया और एलन में एडमिशन लिया। यहां मुझे बेस्ट कॉम्पीटिशन मिला और मैंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की। मैं कोटा में अपनी मां और छोटी Sister के साथ PG में रहता था। इसी वर्ष 12वीं में 95.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है। केवीपीवाई में ऑल इंडिया 37 वीं रैंक एवं 10वीं में 96.8 प्रतिशत अंक थे। ALLEN Career Institute के टीचर्स की गाइडेंस से ही मैंने यह सफलता प्राप्त की है। लॉकडाउन का फायदा यह मिला कि मैं रुका नहीं। मैंने अपनी कमजोरियां दूर की। मैं NEET के सिलेबस में कमजोर टॉपिक्स को बार-बार रिवाइज करता गया। इससे डाउट्स भी सामने आते गए। जो टॉपिक्स मजबूत थे, उन पर ज्यादा फोकस नहीं किया। कोचिंग के दौरान क्लासरूम का होमवर्क डेली करता था और तीनों विषयों को बराबर समय देता था। मैं रोजाना शेड्युल बनाकर पढ़ाई करता हूं, हर सब्जेक्ट को अलग-अलग समय देता हूं। एलन के मोड्यूल्स और वीकली टेस्ट से काफी हेल्प मिली। वाट्सअप का उपयोग फैकल्टीज से डाउट्स आदि पूछने के लिए करता था।
राजस्थान के विनीत शर्मा ने चौथी रैंक- AIR-1 Topper शोएब आफताब मूल रूप से ओडिशा राउरकेला के रहने वाले हैं, लेकिन दो साल से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय कोटा में पढ़ाई के बेहतर माहौल को दिया है। राजस्थान के विनीत शर्मा ने चौथी रैंक हासिल की है और राजस्थान में अव्वल रहे हैं। विनीत का परिवार मूल रूप से अलवर का रहने वाला है, लेकिन वे अभी दौसा में रहते हैं। विनीत ने दौसा में रहकर ही पढ़ाई की। गुजरात के राजकोट निवासी एवं एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के क्लासरूम स्टूडेंट मानित मात्रवडिय़ा ने 10वीं रैंक प्राप्त की है। मानित ने बताया कि उन्होंने दो साल तैयारी की। इन विद्यार्थियों के अलावा कोटा में पढऩे वाले विद्यार्थियों को बड़ी संख्या में सफलता मिली है।
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उम्र से चमक गए सितारे नीट-यूजी 2020 में राउरकेला, उड़ीसा के छात्र शोएब आफ ताब एवं गोरखपुर की छात्रा आकांक्षा सिंह ने 720 में से एक समान 720 अंक हासिल कर नया कीर्तिमान रच दिया। शोएब का परसेंटाइल स्कोर 99.99998537 रहा। उम्र के आधार पर शोएब को एआईआर-1 व आकांक्षा सिंह को एआईआर-2 पर टॉपर घोषित किया गया।
उम्र से चमक गए सितारे नीट-यूजी 2020 में राउरकेला, उड़ीसा के छात्र शोएब आफ ताब एवं गोरखपुर की छात्रा आकांक्षा सिंह ने 720 में से एक समान 720 अंक हासिल कर नया कीर्तिमान रच दिया। शोएब का परसेंटाइल स्कोर 99.99998537 रहा। उम्र के आधार पर शोएब को एआईआर-1 व आकांक्षा सिंह को एआईआर-2 पर टॉपर घोषित किया गया।
ये ऑल इंडिया टॉपर रैंक 1. शोएब आफताब, ओडिशा 2. आकांक्षा सिंह, दिल्ली 3. तुम्माला स्किंथा, तेलंगाना 4. विनीत शर्मा, राजस्थान 5. अम्बरीशा खेतान, हरियाणा 6. गुथी चेतन्या सिंधु, आंध्रप्रदेश
7. सात्विक गोदारा, हरियाणा 8. सृजन आर, तमिलनाडु 9. कार्तिक रेड्डी, कर्नाटका 10. मानित मात्रवडिय़ा, गुजरात राजस्थान टॉपर: विनीत शर्मा, ऑल इंडिया रैंक-4 छात्राओं में टॉपर आकांक्षा सिंह, दिल्ली, ऑल इंडिया रैंक-2
सर्वर रहा धीमा- परीक्षा परिणाम जानने के लिए लाखों विद्यार्थी शुक्रवार रात को वेबसाइट पर परसेंटाइल माक्र्स व ऑल इंडिया रैंक के लिए क्लिक करते रहे। जिससे कुछ देर सर्वर धीमा रहा। ———
अब काउंसलिंग प्रक्रिया होगी प्रारंभ
नीट की ऑल इंडिया मेरिट सूची से देश के सभी मेडिकल कॉलेजों की 15 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश के लिए अब काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ होगी। उसके बाद विभिन्न राज्यों के मेडिकल कॉलेजों की शेष 85 प्रतिशत सीटें स्टेट कोटा रैंक से भरी जाएगी। नीट परीक्षा में 720 अंकों के पेपर में फि जिक्स, कैमिस्ट्री व बायोलॉजी से कुल 180 प्रश्न पूछे गए थे। यह ऑफ लाइन परीक्षा 11 भाषाओं में आयोजित की गई थी।
529 मेडिकल कॉलेजों में 1.56 लाख सीटें
एमसीआई के अनुसार, इस वर्ष देश के 529 सरकारी, गैर सरकारी एवं संस्थागत मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 75,000 से अधिक, बीडीएस की 26,949, आयुष की 52,720, 15 एम्स की 1205, 2 जिपमेर की 200 एमबीबीएस सीटों व बीवीएस की 525 सीटों सहित कुल 1,56,599 सीटों पर ऑल इंडिया रैंक व स्टेट रैंक की वरीयता के अनुसार एडमिशन दिए जाएंगे।
एमसीआई के अनुसार, इस वर्ष देश के 529 सरकारी, गैर सरकारी एवं संस्थागत मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 75,000 से अधिक, बीडीएस की 26,949, आयुष की 52,720, 15 एम्स की 1205, 2 जिपमेर की 200 एमबीबीएस सीटों व बीवीएस की 525 सीटों सहित कुल 1,56,599 सीटों पर ऑल इंडिया रैंक व स्टेट रैंक की वरीयता के अनुसार एडमिशन दिए जाएंगे।
सामान्य वर्ग की कटऑफ बढ़ी, रिजर्व में घटी नीट-2020 में सामान्य वर्ग की कटऑफ गत वर्ष 134 अंक थी, जो इस वर्ष 147 अंक रही। अर्थात 13 अंक बढ़ गई। ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग की कटऑफ गत वर्ष 120 थी, जो इस वर्ष 113 अंक रही अर्थात् आरक्षित वर्ग की कटऑफ में 7 अंकों की गिरावट रही।
लॉकडाउन में भी घर नहीं गया- NEET Result 2020
शोएब अपने लक्ष्य के प्रति कितने गंभीर हैं यह इस बात से पता चलता है कि एक बार घर से कोटा आने के बाद ढाई साल तक शोएब घर नहीं गया। शोएब ने बताया कि कई मामले आए जब पापा ने कहा घर आ जाओ कुछ दिन, लेकिन मैं नहीं गया। दीपावली व ईद की छुट्टियां भी थी लेकिन मैं कोटा ही रहा और पढ़ाई में व्यवधान नहीं आने दिया। कोराना काल में भी कोटा में ही रहा। लॉकडाउन में भी जब सब घर गए तो मैं यहीं रूका। इससे मेरी तैयारी और अच्छी हो गई। मैंने सारा रिवीजन कर लिया। कोटा से बेहतर आईसोलेटेड फैसिलिटी आपको कहीं नहीं मिल सकती। मम्मी साथ रहती है इसलिए खाने-पीने की परेशानी नहीं आई। वैसे भी बोर्ड एग्जाम के बाद इतना समय नहीं मिल पाता कि नीट के पूरे सिलेबस को रिवाइज कर लिया जाए। इसलिए मैंने लॉकडाउन के 5 महीनों का पूरा उपयोग किया। टॉपिक्स का मल्टीपल रिवीजन किया ताकि कहीं कोई गुंजाइश नहीं रह जाए।
शोएब अपने लक्ष्य के प्रति कितने गंभीर हैं यह इस बात से पता चलता है कि एक बार घर से कोटा आने के बाद ढाई साल तक शोएब घर नहीं गया। शोएब ने बताया कि कई मामले आए जब पापा ने कहा घर आ जाओ कुछ दिन, लेकिन मैं नहीं गया। दीपावली व ईद की छुट्टियां भी थी लेकिन मैं कोटा ही रहा और पढ़ाई में व्यवधान नहीं आने दिया। कोराना काल में भी कोटा में ही रहा। लॉकडाउन में भी जब सब घर गए तो मैं यहीं रूका। इससे मेरी तैयारी और अच्छी हो गई। मैंने सारा रिवीजन कर लिया। कोटा से बेहतर आईसोलेटेड फैसिलिटी आपको कहीं नहीं मिल सकती। मम्मी साथ रहती है इसलिए खाने-पीने की परेशानी नहीं आई। वैसे भी बोर्ड एग्जाम के बाद इतना समय नहीं मिल पाता कि नीट के पूरे सिलेबस को रिवाइज कर लिया जाए। इसलिए मैंने लॉकडाउन के 5 महीनों का पूरा उपयोग किया। टॉपिक्स का मल्टीपल रिवीजन किया ताकि कहीं कोई गुंजाइश नहीं रह जाए।
लाइलाज बीमारी का इलाज ढूंढना चाहता हूं-
शोएब ने बताया कि एम्स से एमबीबीएस करने के बाद कार्डियोलॉजी में स्पेशलिस्ट बनना चाहता हूं। इसके साथ ही एक और सपना है कि मैं ऐसी बीमारियों का इलाज ढूंढना चाहता हूं जो जिनका इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है। ऐसी रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहता हूं।
शोएब ने बताया कि एम्स से एमबीबीएस करने के बाद कार्डियोलॉजी में स्पेशलिस्ट बनना चाहता हूं। इसके साथ ही एक और सपना है कि मैं ऐसी बीमारियों का इलाज ढूंढना चाहता हूं जो जिनका इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है। ऐसी रिसर्च के क्षेत्र में जाना चाहता हूं।
इसलिए बनना चाहता हूं डॉक्टर-
शोएब ने बताया कि हमारे मम्मी और पापा दोनों के परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है। पिता बिल्डिंग शेख मोहम्मद कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और बीकॉम तक पढ़े हैं। मां सुल्ताना रिजया गृहिणी हैं और बीए पास हैं। दादा बेकरी चलाया करते थे। मेरी रूचि भी साइंस में थी और मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहता था. पापा भी कहते थे कि मेडिकल की तैयारी करो डॉक्टर बनो तो मैंने बॉयलोजी ली।
शोएब ने बताया कि हमारे मम्मी और पापा दोनों के परिवार में कोई डॉक्टर नहीं है। पिता बिल्डिंग शेख मोहम्मद कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं और बीकॉम तक पढ़े हैं। मां सुल्ताना रिजया गृहिणी हैं और बीए पास हैं। दादा बेकरी चलाया करते थे। मेरी रूचि भी साइंस में थी और मेडिकल क्षेत्र में जाना चाहता था. पापा भी कहते थे कि मेडिकल की तैयारी करो डॉक्टर बनो तो मैंने बॉयलोजी ली।
बॉयलोजी के साथ-साथ मैथ्स की भी पढ़ाई-
शोएब ने बॉयलोजी के साथ-साथ मैथ्स की भी पढ़ाई की। अपनी फिजिक्स और कैमेस्ट्री स्ट्रांग करने के लिए जेईई स्तर की तैयारी की। शोएब ने JEE-Main की परीक्षा भी दी और उसमें 99.7 पर्सेन्टाइल भी हासिल किए। शोएब ने कहा कि जेईई-मेंस देने से मुझमें कान्फीडेंस आया और मैं और अच्छा परफॉर्म कर सका।
शोएब ने बॉयलोजी के साथ-साथ मैथ्स की भी पढ़ाई की। अपनी फिजिक्स और कैमेस्ट्री स्ट्रांग करने के लिए जेईई स्तर की तैयारी की। शोएब ने JEE-Main की परीक्षा भी दी और उसमें 99.7 पर्सेन्टाइल भी हासिल किए। शोएब ने कहा कि जेईई-मेंस देने से मुझमें कान्फीडेंस आया और मैं और अच्छा परफॉर्म कर सका।