Big News: कटारिया बोले- कौन है जो चाहता है भाजपा दुबारा सत्ता में न आए
श्वान और सूअरों ने झपटने की कोशिश भी की, कुछ हमने दुत्कारा तो शिकारी इधर-उधर हो गए….! पर क्या रोज ऐसे हरकारा हो जाता है, मोर झपट्टे से छूटकर जान बचा लेते हैं? जी नहीं! सैंकड़ों राष्ट्रीय पक्षी की जान सांसत में होने का मुद्दा गर्माने के बाद भी न तो वन विभाग और ना ही नगर निगम-यूआईटी ने यहां श्वान से मोरों की रक्षा का कोई प्रबन्ध किया है। घात लगाए बैठे दर्जनों श्वान-सूअर रोज मोरों को अब भी अपना ग्रास बना रहे।
श्वान और सूअरों ने झपटने की कोशिश भी की, कुछ हमने दुत्कारा तो शिकारी इधर-उधर हो गए….! पर क्या रोज ऐसे हरकारा हो जाता है, मोर झपट्टे से छूटकर जान बचा लेते हैं? जी नहीं! सैंकड़ों राष्ट्रीय पक्षी की जान सांसत में होने का मुद्दा गर्माने के बाद भी न तो वन विभाग और ना ही नगर निगम-यूआईटी ने यहां श्वान से मोरों की रक्षा का कोई प्रबन्ध किया है। घात लगाए बैठे दर्जनों श्वान-सूअर रोज मोरों को अब भी अपना ग्रास बना रहे।
यह भी पढ़ें
एके-47 और 3000 हाईटेक ऑटोमेटिक गन से लैस हुई कोटा पुलिस, अब नहीं बच पाएंगे खूंखार अपराधी
‘राजस्थान पत्रिका टीम ने शाम 6 से 7 बजे तक आईएल में फिर से रियलिटी चैक किया। एक घंटे ‘पत्रिका टीम यहां के हालात पर नजर बनाए खड़ी रही। इस दौरान 7-8 लोग मोरों को दाना डालने आए। हर बार लोगों के आगे बढऩे और मोरों के आते ही शिकारी झपटते दिखे। बाद में टीम ने परिसर में बने मकानों को भी देखा तो दर्जनों श्वान-सूअर धमाचौकड़ी करते नजर आए। यहां घूमने आए लोगों ने बताया कि दिनों दिन मोरों की संख्या कम हो रही है। श्वान-सूअर इन्हें नोंच रहे हैं।
यह भी पढ़ें
उफनती लहरों पर छलांग लगाते खिलाडिय़ों के साहस को सलाम, किशोर सागर में दौड़ती नांवों को देख रोमांचित हुए कोटावासी
रखवाले गए तो उजड़ी दुनिया
एक समय था जब राष्ट्रीय पक्षी मोरों के चाहने वाले आईएल कॉलोनी परिसर के घर-घर में थे। मोर भी उनसे इतने हिले-मिले थे कि उनके हाथों में रखा दाना चोंच से उठाकर खा लेते थे। लेकिन, जब से सरकार ने इन रखवालों को उजाड़ा, राष्ट्रीय पक्षियों की जैसे दुनिया ही उजड़ गई। शिकारी घुसने लग गए। वीरान पड़े मकानों में दिनभर आवारा श्वान धमा चौकड़ी मचाने लगे।
यह भी पढ़ें
लहसुन की आंच से फिर सुलगे किसानों के अरमान, दाम में भारी गिरावट, लागत निकालने में आ गया पसीना
कर चुके हैं शिकायत
लोगों ने बताया कि यहां पर श्वान अधिक होने की शिकायत वे कई बार नगर निगम प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा। इससे यहां पर इनकी तादाद अधिक होती जा रही है।