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कोटा

स्वाद लाजवाब: राजस्थान में यहां रोज खा रहे 60 लाख के सोफ्टी, पकौड़े और कचौरे

Must try These Foods in Kota: नमकीन जायके में गोभी के पकौड़े या नसीराबाद का कचौरा सबकी पसंद हैं। मीठे में सोफ्टी और कटंगी गुलाबजामुन छोटे से बड़ों के पसंदीदा हैं।

कोटाOct 27, 2024 / 12:26 pm

Supriya Rani

Kota News: दशहरा मेले में रोज हजारों की भीड़ उमड़ रही है। वीकेंड पर यह आंकड़ा दो लाख को पार कर जाता है। हाड़ौती भर से लोग मेले में घूमने, झूलने और देशभर के ख्यात व्यंजन खाने आते हैं। फास्ट फूड के दौर में भी मेले में पुराने और पारंपरिक व्यंजनों की धूम कायम है।
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नसीराबाद का कचौरा बन रहा खास पसंद

नमकीन जायके में गोभी के पकौड़े या नसीराबाद का कचौरा सबकी पसंद हैं। मीठे में सोफ्टी और कटंगी गुलाबजामुन छोटे से बड़ों के पसंदीदा हैं। यही वजह है कि कोटा दशहरा मेला लोक संस्कृति के साथ खानपान का उत्सव बन गया है। मेले में केवल गोभी के पकौड़े, सोफ्ट और कचौरा ही रोज 60 लाख से ज्यादा के बिकते हैं।

अनोखा हाथीजाम पर 4 हजार किलो की खपत

कटंगी के मशहूर हाथीजाम की शुरुआत दशहरा मेले में ही हुई थी। पहले यह 300-500 ग्राम तक का होता था, जिसे आठ टुकड़ों में काटकर चाशनी में डुबोकर परोसा जाता था। अब इसका वजन 100 ग्राम का हो गया है। हर दिन लोग 4-5 हजार किलो हाथीजाम और गुलाब जामुन का स्वाद लेते हैं, जिससे इनकी बिक्री 15-20 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।

नसीराबाद के कचौरे की अलग ही धूम

नसीराबाद के मसालेदार कचौरे मेले की एक और खासियत हैं। मूंगफली के तेल में तले जाने वाले ये कचौरे दाल और आलू के फ्लेवर में मिलते हैं और तौल के हिसाब से बेचे जाते हैं। हर दिन 10 लाख रुपये से ज्यादा के कचौरे बिकते हैं। लोग मेले से इसे सिर्फ खाते ही नहीं, बल्कि पैक कर घर भी ले जाते हैं।

गोभी के पकौड़ों की डिमांड खूब, रोज 7-8 हजार किलो की खपत

दशहरा मेला आते ही गोभी के पकौड़ों की मांग आसमान छूने लगती है। हर दिन 7 से 8 हजार किलो पकौड़े बिकते हैं, जिससे मेले के दौरान बाजार में गोभी की कीमतें डेढ़ से दोगुनी हो जाती हैं। मेले में आने वाले पूरे परिवार के साथ गरमा-गरम पकौड़ों का लुत्फ जरूर उठाते हैं।

सोफ्टी पर 20 लाख की रोजाना बिक्री

सोफ्टी का जादू कोटा के मेले में 1975 से बरकरार है। तब इसे 20 पैसे में बेचा जाता था, और आज 20 से 50 रुपए में लोग 12 से 15 फ्लेवर में सोफ्टी का मजा ले रहे हैं। मेले में सोफ्टी की दो दर्जन से ज्यादा दुकानें लगी हैं, जिन पर एक-एक दिन में 50 हजार से एक लाख तक सोफ्टी बिकती है। रोजाना सोफ्टी से ही 10 से 20 लाख रुपये की बिक्री हो रही है।

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