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जेल से बाहर आते ही मौत ने दबोचा
एएसआई सिंह ने बताया कि मृतक रामलाल मीणा मूल रूप से बाजड़ का निवासी था। बाजड़ में पुरानी रंजिश को लेकर 27 मार्च 1996 में रामलाल ने बाजड़ निवासी प्रभूलाल मीणा के छोटे भाई की पत्नी की हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। आजीवन कारावास की सजा वह अजमेर जेल में काट रहा था। सजा पूरी होने के बाद वह 18 अक्टूबर को ही जेल से बाहर आया था। हत्या की वारदात के बाद रामलाल की पत्नी बाजज छोड़कर देहीत में रहने लगी थी। चार साल पहले पत्नी की भी हो गई। बच्चे मजदूरी कर पेट पाल रहे हैं।
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किराया नहीं होने से पैदल तय किया सफर
एएसआई सिंह ने बताया कि आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के बाद 18 अक्टूबर को जेल रिहा हुआ। जेब में किराया नहीं होने से वह पैदल ही रवाना हो गया। 19 अक्टूबर को रात में पैदल जाते समय संदिग्ध नजर आने पर उसे मालपुरा पुलिस ने रोका तो परिजनों से बात करवाने पर उसे छोड़ दिया। 22 अक्टूबर को सुबह वह देहीत गांव आया। उसके बाद वह बाजड़ चला गया। शाम करीब सात बजे तक वह गांव में ही था। मामले में अज्ञात जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस सम्बंध में सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। शीघ्र ही वारदात का खुलासा किया जाएगा।
लखनलाल मीणा, थाना प्रभारी