किशोरपुरा स्थित मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव एवं क्षेत्र निदेशक कार्यालय में बुधवार को मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जीवी रेड्डी ने मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सर्वे से वंचित लक्ष्मीपुरा गांव के बाशिन्दों की जनसुनवाई की। जनसुनवाई में एक-एक ग्रामीणों को बुलाकर उनकी समस्या सुनीं। रेड्डी ने ग्रामीणों से साफ कहा कि, टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जल्द बाघों को लाया जाएगा। इसके लिए उन्हें मकान व जमीन खाली करनी है। बदले में सरकारी डीएलसी दर पर 72 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही लखावा में विस्थापित किया जाएगा।
इस पर ग्रामीणों ने कहा कि गिरधपुरा व दामोदरपुरा गांवों को दस-दस लाख का मुआवजा पैकेज दिया गया। उतना ही हम भी लेंगे। इससे एक रुपए भी कम नहीं लेंगे। यदि अधिकारियों ने जबरदस्ती गांवों से बेदखल किया कि तो मार देंगे या खुद मर जाएंगे। इतने कम मुआवजे में हम नहीं हटेंगे।
यह भी पढ़ें
शौचालय बनाने वालों को उपहार में मिलेंगे बाइक, एलईडी, फ्रिजपहले सर्वे से वंचित, अब दबा रहे लक्ष्मीपुरा के भैरूलाल, सूरजमल व मदन गुर्जर समेत अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन्यजीव विभाग ने पहले सर्वे कराया था, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें शामिल नहीं किया। बाद में वे न्यायालय में चले गए। अब कम मुआवजा लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। हम पूरा मुआवजा लेंगे।
रेड्डी ने वन्यजीव अधिकारियों से मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों को बसाने के कार्यों की अधिकारियों से जानकारी भी ली। रेड्डी ने अधिकारियों से पूछा कि टाइगर रिजर्व में जिस जगह पर बाघों को छोड़ा जाएगा, वहां की स्थिति क्या है, वहां क्या प्रोग्रेस चल रही है। इस पर अधिकारियों ने विभागीय दिशा-निर्देश के अनुसार कार्य करने की जानकारी दी। साथ ही रेड्डी ने अभेड़ा स्थित बायोलॉजिकल **** की भी जानकारी ली।
यह है मामला
राज्य सरकार मुकुन्दरा टाइगर हिल्स में दिसम्बर २०१७ तक बाघों को लाना चाहती है। सरकार ने इन गांवों को विस्थापन करने के लिए लखावा में जमीन देखी है। मुकुन्दरा टाइगर हिल्स क्षेत्र से १४ गांव विस्थापित होने हैं, लेकिन पहले फेज में गिरधरपुरा, दामोदरपुरा व लक्ष्मीपुरा गांवों को लिया गया है। वन्यजीव विभाग खरली बावड़ी व लक्ष्मीपुरा के कुछ लोगों को मुआवजा दे चुकी है, लेकिन लक्ष्मीपुरा में सर्वे में कुछ लोग **** गए हैं। जबकि गिरधरपुरा व दामोदरपुरा का मुआवजे के लिए प्रस्ताव भेजा हुआ है। लक्ष्मीपुरा के ग्रामीण अब रिवाइज मुआवजे की मांग कर रहे हैं।