कोटा

देखिए तस्वीरों में…कितना खूबसूरत है अपना मुकुन्दरा हिल्स

मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व की खूबसूरती देख खुद को यहां आने से रोक नहीं पाएंगे आप। यहां दुर्लभ वन्यजीव और प्रकृति का अनूठा संगम है।

Jan 02, 2018 / 10:25 am

​Zuber Khan

1/7

ऐसा है टाइगर रिजर्व मुकुन्दरा हिल्स को 9 अप्रेल 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यह करीब 760 वर्ग किमी में चार जिलों कोटा, बूंदी, झालावाड़ व चित्तौडगढ़़ में फैला है। करीब 417 वर्ग किमी कोर और 342 वर्ग किमी बफर जोन है। इसमें मुकुन्दरा राष्ट्रीय उद्यान, दरा अभयारण्य, जवाहर सागर व चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का कुछ भाग शामिल है।

2/7

इसलिए है अनूठा रिजर्व का नजारा बरसात में अलग ही होता है। यहां शुष्क, पतझड़ी वन, पहाडिय़ां, नदी, घाटियों के बीच तेंदू, पलाश, बरगद, पीपल, महुआ, बेल, अमलताश, जामुन, नीम, इमली, अर्जुन, कदम, सेमल और आंवले के वृक्ष हैं।

3/7

दुर्लभ प्राणी भी हैं यहां चम्बल नदी किनारे बघेरे, भालू, भेडिय़ा, चीतल, सांभर, चिंकारा, नीलगाय, काले हरिन, दुर्लभ स्याहगोह, निशाचर सिविट केट और रेटल जैसे दुर्लभ प्राणी भी देखने को मिलेंगे। अधिकारियों के अनुसार यहां 800 से 1000 चीतल, 50 से 60 के मध्य भालू, 60 से 70 पैंथर व 60 से 70 सांभर हैं।

4/7

ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल भी रिजर्व में 12वीं शताब्दी का गागरोन का किला, 17वीं शताब्दी का अबली मीणी का महल, पुरातात्विक सर्वे के अनुसार 8वीं-9वीं शताब्दी का बाडोली मंदिर समूह, भैंसरोडगढ़ फोर्ट, 19वीं शताब्दी का रावठा महल, शिकारगाह समेत कई ऐतिहासिक व रियासतकालीन इमारतें, गेपरनाथ, गरडिय़ा महादेव भी हैं, जो कला-संस्कृति व प्राचीन वैभव को दर्शाती हैं।

5/7

पक्षियों की दुनिया निराली करीब 225 तरह के पक्षियों की प्रजातियां यहां हैं। इनमें अति दुर्लभ सफेद पीठ वाले व लम्बी चोंच वाले गिद्द, क्रेस्टेड सरपेंट, ईगल, शॉट टोड ईगल, सारस क्रेन, पैराडाइज प्लाई केचर, स्टोक बिल किंगफिशर, करर्ड स्कोप्स आउल, मोर समेत पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां मन मोहने को पर्याप्त हैं। इन पर शोधार्थियों व वन्यजीव प्रेमियों ने अध्ययन भी किया है।

6/7

...और चंबल का सौन्दर्य रिजर्व में चंबल की खूबसूरती पर्यटकों के लिए खास होगी। हाल ही सांसद ओम बिरला कह चुके हैं कि यह पहला टाइगर रिजर्व होगा, जहां लोग जंगल के साथ चंबल की सफारी भी करेंगे। जवाहर सागर से भैंसरोडगढ़ तक कहीं सरल, कहीं लहराती चंबल की लहरों पर करीब 25 पर्यटकों को बोटिंग करवाई जाएगी।

7/7

बाघों के लिए नहीं नया टागइर रिजर्व को घोषित अब किया है, लेकिन मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में पहले भी बाघ रहे हैं। एक जानकारी के अनुसार 80 के दशक तक यहां बाघों की दहाड़ गूंजती थी। 2003 में भी एक बाघ ने इस क्षेत्र में अपने आप को यहां स्थापित किया था। गत दिनों में भी क्षेत्र में बाघ के देखे जाने की सूचनाएं आई थी, हालांकि वन विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर पाया था। टागइर रिजर्व घोषित होने के बाद यहां मार्च तक तीन बाघों को बसाने की योजना है।

Hindi News / Photo Gallery / Kota / देखिए तस्वीरों में…कितना खूबसूरत है अपना मुकुन्दरा हिल्स

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.