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अपने घर की चाहत में केबीसी की हॉट सीट तक पहुंची छबड़ा की नेहा, जीते 25 लाख जिद ने बनाया RAS टॉपर कोटा में दिवाली से पहले ही खुशियों की बौछार होने लगी है। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने जब आरएएस 2016 के साक्षात्कार पूरे होने के बाद RAS RESULT 2016 (अंतिम परिणाम) जारी किए तो कोटा की एक मां ने अपनी जिद को सफलता में बदलकर मिसाल कायम कर दी। कोटा के श्रीनाथपुरम निवासी प्रीतम कुमारी मीणा ने अपने बच्चों के लिए एक बड़ा उदारहण पेश किया। पति की मृत्यु के बाद बेटियों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उन पर ही थी और कोई रोजगार भी नहीं था। एेसे में उन्होंने पहले ही अवसर में आरएएस में सफलता प्राप्त करते हुए एसटी विधवा कोटे से प्रदेश में दूसरी रैंक प्राप्त की।
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कोटा का हैंगिंग ब्रिज बनेगा कमाऊ पूत, हर साल करोगा 50 से 70 करोड़ की कमाई पति की आखिरी ख्वाहिश बन गई जिंदगी का लक्ष्य प्रीतम बताती हैं कि उनके पति नरेन्द्र मीणा आईआईटी से पास आउट थे और टीसीएस में कार्यरत थे। उनकी इच्छा थी कि मैं प्रशासनिक सेवा में जाऊं, लेकिन शादी के बाद उनके साथ रहकर घर ही संभाला और नौकरी के बारे में सोचने के लिए वक्त ही नहीं मिला। जब 2016 में हॉर्टअटैक से पति की मृत्यु हो गई तो बेटियों के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई। उनकी बड़ी बेटी मान्या नौ साल और छोटी आरोही चार साल की है। उनके लिए ही मैंने जिद्द की और RAS EXAM की तैयारी शुरू कर दी और पहले ही अवसर (RAS RESULT 2016) में सफलता भी मिल गई। प्रीतम के पिता महेन्द्र प्रताप बारां के बराना में खेती करते हैं और मां उमा गृहणी है।
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जैन मुनि बनने से पहले कोटा में चाय बेचता था रेप का आरोपि शांति सागर महाराज 15 दिन पहले पटवारी के लिए चयन प्रीतम मीणा ने इतिहास में एमए और उसके बाद बीएड भी किया है। उन्होंने पति की मृत्यु के बाद पटवारी भर्ती की परीक्षा भी दी थी। जिसमें कुछ दिन पहले चयनित भी हो गई और उन्हें अजमेर में पोस्टिंग भी मिल गई, लेकिन पति की आखिरी ख्वाहिश को पूरा करने की जिद ने उन्हें आरएएस एग्जाम में बैठने के लिए प्रेरित किया और दिवाली से पहले सफलता हासिल कर पूरे परिवार और दिवंगत पति को ही नहीं कोटा शहर का भी नाम रोशन कर दिया।