bell-icon-header
कोटा

जलनिधि पाकर ‘खुश’ हाड़ौती के बांध, चम्बल नदी का सबसे बड़ा डैम गांधी सागर 1300 पार

ड़ौती और प्रदेश में इस साल मानसून मेहरबान रहा है। हाड़ौती अंचल में औसत बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। अच्छी बारिश से कोटा संभाग के ज्यादातर बांध जलनिधि से लबालब हो गए हैं।

कोटाAug 10, 2024 / 12:32 pm

Ranjeet singh solanki

ड़ौती और प्रदेश में इस साल मानसून मेहरबान रहा है। हाड़ौती अंचल में औसत बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। अच्छी बारिश से कोटा संभाग के ज्यादातर बांध जलनिधि से लबालब हो गए हैं।

कोटा संभाग के 81 बांधों में 73.03 फीसदी पानी
हाड़ौती और प्रदेश में इस साल मानसून मेहरबान रहा है। हाड़ौती अंचल में औसत बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। अच्छी बारिश से कोटा संभाग के ज्यादातर बांध जलनिधि से लबालब हो गए हैं। चम्बल के चारों बांधों में भी भरपूर पानी आ गया है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में बांधों में सबसे अधिक पानी की आवक हाड़ौती के बांधों में हुई है। हाड़ौती के 81 बांध 73.03 फीसदी भर चुके हैं, जबकि सबसे कम पानी की आवक जोधपुर संभाग के बांधों में हुई है। यहां अब तक सिर्फ 21.29 फीसदी ही पानी आया है।
दो साल तक भरपूर पानी मिलेगा

चम्बल नदी के चारों बांधों में पानी की भरपूर आवक हुई है। इससे सबसे बड़े बांध गांधी सागर का जल स्तर 1300 फीट को पार कर गया है। इस बांध की कुल जलभराव क्षमता 1312 फीट है। इस बांध में अब तक इतना पानी आ गया है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों को आगामी दो साल तक सिंचाई, उद्योग और पेयजल के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा। हालांकि गांधी सागर के कैचमेंट क्षेत्र में बारिश कम होने से अब तक इस बांध के गेट नहीं खुले हैं। राणा प्रताप सागर बांध अभी खाली है। जवाहर सागर बांध के कैचमेंट क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से पनबिजली घर में विद्युत उत्पादन कर पानी छोड़ा जा रहा है। इसके चलते कोटा बैराज में पिछले बीस दिन से दोनों नहरों में जल प्रवाह किया जा रहा है।
ये होगा फायदा

बांधों में भरपूर मात्रा में पानी की आवक होने से रबी सीजन में किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा। चम्बल के बांधों से राजस्थान में ढाई लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। इतनी ही भूमि मध्यप्रदेश की सिंचित होती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बांधों में पर्याप्त पानी आने पर रबी में गेहूं, सरसों, धनिये और लहसुन का रकबा बढ़ेगा। सिंचित भूमि पर उत्पादन भी 20 से 25 फीसदी अधिक होता है।

संबंधित विषय:

Hindi News / Kota / जलनिधि पाकर ‘खुश’ हाड़ौती के बांध, चम्बल नदी का सबसे बड़ा डैम गांधी सागर 1300 पार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.