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फ्री पार्किंग के लिए कोटा दशहरा मेले में चले चाकू, पार्किंग संचालक की हत्या धिकारियों के दौरे लगातारअधिकारियों के दौरे लगातार मुकुन्दरा में बाघों को लाकर छोडऩे की तैयारियों के तहत कुछ दिन पहले डीजीपी एवं स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की स्टेडिंग कमेटी के अध्यक्ष अजीत सिंह कोटा आए थे। उन्होंने वन क्षेत्र का निरीक्षण किया था। अधिकारियों से सुरक्षा व बाघों की बसावट को लेकर चर्चा की थी। पिछले माह तीन दिन के दौरे पर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जी.वी. रेड्डी भी निरीक्षण कर बाघों की बसावट को लेकर अधिकारियों व पर्यावरण प्रेमी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से चर्चा कर गए थे। अधिकारियों ने बाघों को रखने के लिए बनाए जा रहे एनक्लॉजर व ग्रासलैंड का निरीक्षण किया था।मुकुन्दरा में दिसम्बर तक दो बाघिन व एक बाघ लाया जाएगा। ये बाघ रणथंभौर से लाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार फिलहाल कौनसा बाघ व बाघिनें लाई जाएंगी, यह विशेषज्ञ तय करेंगे। बाघों को लाकर बसाने की तारीख तय नहीं है। यह भी पढ़ें
पत्रिका की खबर के बाद ऐसा क्या हुआ कि… चिकित्सा विभाग में मच गया हड़कम्पचंबल में लगातार मर रही हैं मछलियां चंबल की डाउन स्ट्रीम में पिछले कई दिनों से लगातार मछलियों की मौत हो रही है। रविवार को भी बड़ी संख्या में यहां पर मृत मछलियां देखी गई। मछलियों की लगातार मौत के बावजूद न तो सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और न ही वन विभाग के। यहां गंदगी, प्रदूषण और पानी की सड़ांध के चलते मछलियां दम तोड़ रही है। कुन्हाड़ी की छोटी पुलिया के आसपास के इलाके में हजारों मछलियां मरी पड़ी थी। जानकारी के अनुसार चंबल में गिर रहे गंदे नालों में बहकर आने वाली गंदगी के अनुसार मछलियों की मौत संभव है।
Read More: व्यापारियों की खुशी हो जाएगी दोगूनी, कर रहे अबूझ शुभ मुहूर्त का इंतजार न नमूने लिए न ही मौके का निरीक्षण किया संभवतया: नालों के माध्यम से पहुंचने वाली गंदगी के खाने से या गंदगी से पानी प्रदूषित होने से मछलियों की मौत की संभावना बताई जा रही है। इस क्षेत्र में रहने वाले रवि सैन, श्याम बिहारी नाहर आदि ने बताया कि चंबल में मछलियों के मरने का मामला नया नहीं है, महज चार से पांच दिन पूर्व भी कई मछलियां मृत मिली थी। इसके बावजूद अधिकारी ने न तो पानी के नमूने लिए न ही मौके का निरीक्षण किया। इसी तरह करीब वर्षभर पहले भी यहां बड़ी मात्रा में मछलियों की मौत हो गई थी। इससे पहले क्षेत्र के लोगों ने बताया कि मछलियां इस तरह से छटपटाहट के साथ मर रही है जैसे पानी में कुछ मिला हुआ है। मृत मछलियों से यहां बदबू भी फैल जाती है और बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।