कोटा

मनरेगा में गड़बड़ी के 8 साल बाद भी न जाने क्यूं वसूली से बच रहे जिला परिषद् के अधिकारी

कोटा. जिले के जटवाड़ा ग्राम पंचायत में मनरेगा में गड़बड़ी के मामले में जिला परिषद 23 लाख की बकाया वसूली नहीं कर पाया है।

कोटाFeb 18, 2018 / 07:34 pm

abhishek jain

जिले के जटवाड़ा ग्राम पंचायत में मनरेगा में गड़बड़ी के मामले में जिला परिषद आठ साल बाद भी सरपंच, ग्रामसेवक व जेटीए से 23 लाख की बकाया वसूली नहीं कर पाया है। जबकि जिला परिषद अपने निचले अधिकारियों को सिर्फ रिमाइंडर पत्र ही घूमा रहा है।
 

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यह है मामला

जटवाड़ा ग्राम पंचायत में 2010 में मनरेगा में तत्कालीन सरपंच लेखराज सिंह, ग्राम सेवक व जेईएन के खिलाफ में ग्रेवल सड़क में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई थी। जांच में तीनों पर 23 लाख की बकाया वसूली निकाली। तत्कालीन सरपंच ने अपने हिस्से की सात लाख में से तीन लाख की राशि जमा करा दी, लेकिन शेष 5 लाख की राशि जमा नहीं कराई।
 

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सम्पति कुर्की के आदेश भी बेअसर

जिला परिषद ने पिछले दिनों इटावा पंचायत समिति के विकास अधिकारी को 4 अक्टूबर 17 को संशोधित डीपीआर के तहत राजकीय राशि की वसूली के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाने के आदेश दिए है, लेकिन नहीं हुए। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में तत्कालीन सरपंच ने सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया खातौली में करीब 12 बीघ जमीन 5 लाख में कृषि भूमि गिरवी बता रखी है। जिसकी वर्तमान कीमत एक करोड़ रुपए है। ऑक्शन कर सरकार बकाया वसूली कर सकती है। बावजूद अभी तक बकाया वसूली नहीं हो सकी। साथ ही सम्पति कुर्की नीलामी के आदेश जारी किए, लेकिन फिर भी वसूली नहीं हुई।
 

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जिला परिषद एसीईओ मुरारीलाल वर्मा का कहना है कि जटवाड़ा के तत्कालीन सरपंच की सम्पति की कुर्की के लिए बैंक से डिटेल रिपोर्ट लेकर उपखण्ड अधिकारी को कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
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