राजस्थान पत्रिका में डीसीएम क्षेत्र स्थित प्रेमनगर द्वितीय में हेपेटाइटिस-बी पॉजीटिव के एक दर्जन रोगियों के सामने आने का समाचार प्रकाशित होने के बाद चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया। विभाग की टीमों ने शनिवार व अवकाश के दिन रविवार को भी प्रेमनगर द्वितीय में घर-घर सर्वे किया। रविवार को चिहिन्त रोगियों के रक्त के नमूने लिए। रक्त के नमूनों को जांच के लिए सेन्ट्रल लैब भेजा गया। पानी के नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया।
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गैस सिलेंडर हादसा: कोटा भी देख चुका है ब्यावर जैसा मंजर सीएमएचओ कार्यालय से डिप्टी सीएमएचओ डॉ. रामजीलाल मीणा, जिला एपीडेमियोलॉजिस्ट विनोद प्रभाकर, गोविंद नगर व डीसीएम पीएससी केन्द्रों से करीब एक दर्जन कर्मचारियों की टीमें रविवार सुबह 8 बजे ही प्रेमनगर पहुंच गई। टीमों ने घर-घर दस्तक दी। सौ घरों का सर्वे किया। लैब टेक्निशियनों ने चिहिन्त 11 रोगियों के रक्त के नमूने लिए। रक्त के नमूनों को जांच के लिए एमबीएस अस्पताल की सेन्ट्रल लैब में भेजा गया। टीम ने नलों के दो पानी के नमूने भी लिए। उनको मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया।
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सरकार द्वारा दागी अधिकारियों को बचाना लोकतंत्र का गला घोटना : बापनासमाजसेवियों व अन्य लोगों को किया जागरूक टीमों ने घर-घर सर्वे कर समाजसेवियों व अन्य आमजन को बीमारियों के बारे में जागरूक किया। उसके फैलने व बचाव की जानकारी दी। टीमें सेलून की दुकानों पर पहुंची और सुरक्षात्मक दृष्टि से एक बार ही ब्लेड का उपयोग करने की जानकारी दी। दो निजी हॉस्पिटलों में जाकर निडिल चेक की। उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को निडिल का प्रयोग एक ही बार करने की सलाह दी। टीमें शाम 4 बजे तक प्रेमनगर में रही।
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पत्रिका ने उठाया था मामला राजस्थान पत्रिका ने 17 फरवरी के अंक में प्रेमनगर में एक दर्जन से अधिक हेपेटाइटिस-बी पॉजीटिव शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। उसके बाद चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंची।
पत्रिका ने उठाया था मामला राजस्थान पत्रिका ने 17 फरवरी के अंक में प्रेमनगर में एक दर्जन से अधिक हेपेटाइटिस-बी पॉजीटिव शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। उसके बाद चिकित्सा विभाग की टीमें पहुंची।
कोटा डिप्टी सीएमएचओ डॉ. रामजीलाल मीणा का कहना है कि टीमों ने प्रेमनगर द्वितीय में घर-घर सर्वे किया है। चिहिन्त रोगियों के रक्त के नमूने लिए। नलों से पानी के नमूने लिए। उनको सेन्ट्रल लैब व मेडिकल कॉलेज भिजवाया जाएगा। जांच के बाद ही बीमारी फैलने का कारण पता चल सकेगा। उसके बाद कॉलोनी में कैम्प करेंगे।