मूर्ति से शादी करने वाला ये शख्स सुर्खियां बंटोरने को कभी गधों को रसगुल्ले खिलाता है तो कभी रावण बन जाता है।
•Dec 13, 2017 / 05:06 pm•
Vineet singh
राजस्थान के इस शख्स का नाम राजाराम है, लेकिन यह खुद को रावण का अवतार बताता है। राजस्थान ही नहीं देश भर में रावण सरकार चलाने का सपना भी देखता है।
कोटा में रहने वाले इस शख्स राजाराम जैन कर्मयोगी की सनक का अंदजा उसके फेसबुक एकाउंट को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। जहां यह खुद को रावण का अवतार बताते हुए राजस्थान ही नहीं पूरे देश में कर्मयोगी रावण सरकार चलाना चाहता है।
फेसबुक पर यह शख्स कर्मयोगी रावण सरकार बनकर हर रोज लोगों को बधाईयां देता है।
इतना ही नहीं जिस पत्नी को तलाक देने की अर्जी कोर्ट में लगाई है उसके साथ सात जन्मों तक जीने मरने की भी कसमें खाते हुए फोटो अपलोड़ कर रखे हैं।
खुद को कभी सामाजिक कार्यकर्ता तो कभी रावण का अवतार बताने वाले राजाराम जैन कर्मयोगी ने मंगलवार को पत्थर की मूर्ति को जयमाला पहनाकर उससे शादी कर ली।
तमाम संतों की मौजूदगी में राजाराम ने दोपहर 12 बजे जवाहर नगर स्थित मंगल भवन में यह विवाह किया।
शादी से पहले संतों ने पत्थर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की और उसका नाम देवी पार्वती के नाम पर रखा। इसके बाद राजाराम ने 16 संकल्प लेते हुए यह अजीबो-गरीब ब्याह रचाया।
राजाराम के बीबी को छोड़ पत्थर की मूर्ति से शादी करने की बात सुनते ही महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया। ज्यादातर महिलाओं ने कर्मयोगी के इस फैसले का विरोध करते हुए पत्नी अलका के साथ अन्याय बताया है। महिलाओं का कहना है कि यदि पत्नी को छोड़ना ही था तो उससे शादी करके उसकी जिंदगी बर्बाद क्यों की? ज्यादातर महिलाओं ने कर्मयोगी के फैसले को गलत बताते हुए इसे सुधारने की अपील की है।
5 साल पहले बारां निवासी अल्का दुलारी नाम की महिला से राजाराम ने शादी की थी। 12 दिसंबर 2012 को 12 संकल्पों के साथ अल्का के साथ 7 फेरे लिए, लेकिन इस दौरान दोनों के बीच ऐसे मतभेद पैदा हुए कि नौबत तलाक तक की आ गई।
राजाराम के मुताबिक, पारिवारिक तनाव के कारण समाजसेवा में बाधा उत्पन्न हो रही थी इसलिए उन्होंने पत्नी अल्का से अलग होने का निर्णय लिया।
इन सबके चलते राजाराम ने पत्नी से अलग रहने के लिए पारिवारिक न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया है।
राजाराम के मुताबिक, पारिवारिक तनाव के कारण समाजसेवा में बाधा उत्पन्न हो रही थी इसलिए उन्होंने पत्नी अल्का से अलग होने का निर्णय लिया। कर्मयोगी से मतभेदों की बात को सिरे से खारिज करते हुए उनकी पत्नी अल्का दुलारी ने कहा कि मैंने हमेशा पति का कहना माना। हमेशा उनके पीछे चली, उनकी हर बात पर हमेशा सहमत रही। मेरा उनके सिवा कोई नहीं है। अल्का ने कहा कि मुझसे कोई गलती हुई तो मुझे बताए। मेरे लिए तो वे ही सब कुछ है। पता नहीं वो पत्थर में पत्नी क्यों तलाश रहे हैं, जबकि मैं तो अब भी उनके साथ हूं।
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