सदर थाना प्रभारी आशीष भार्गव ने बताया कि 27 वर्षीय दिलीप उर्फ कालूलाल कंडारा व उसकी पत्नी सुमन और करीब आठ माह के बेटे के साथ घर में अंदर बने कमरे में अलग-अलग चारपाई पर सो रहे थे। जबकि उसके माता-पिता व बहन रेखा बाहर आंगन में सो रहे थे। रात करीब एक बजे दिलीप के बिस्तर व और चारपाई में आग लग गई। सुमन बच्चे को लेकर कमरे से भागकर बाहर आई और आंगन में सो रहे परिजनों को जगाया। शोर सुनकर पड़ोसी व आसपास के रिश्तेदार पहुंच गए। उन लोगों ने घर में लगी पानी की मोटर चलाकर जैसे-तैसे दिलीप की चारपाई में लगी आग बुझाई। जब तक आग बुझ पाती दिलीप की मृत्यु हो चुकी थी।
यह भी पढ़ें
6 साल बाद घर लौटेगी
कोटा ट्रिपल आईटी, आईएल की बिल्डिंग में शुरु होंगी क्लासमौके पर पहुंची पुलिस घटना की जानकारी मिलते ही सदर थाना पुलिस भी केदाहेड़ी गांव में पहुंच गई। पुलिस के साथ गई एफएसएल टीम ने मौके की छानबीन कर आग लगने की वजह जानने की कोशिश की। वहीं पुलिस ने दिलीप के शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवा कर उसे परिजनों को सौंप दिया। पुलिस अभी हत्या की वजह तलाशने में जुटी है। हालांकि परिजनों ने परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है।
यह भी पढ़ें
घर-घर विराजे गणपति बप्पा, कोटा में मची गणेशोत्सव की धूम
सुमन पर लगाया आरोप दिलीप के चाचा प्रहलाद और चचेरे भाई शिवराज ने हत्या की आशंका जताई है। जिला चिकित्सालय में उन्होंने कहा कि आग लगने पर मृतक की पत्नी ने बचाने का प्रयास नहीं किया। मौके पर माचिस की कुछ तीलियां पड़ी थी। शिवराज ने आरोप लगाते हुए कहा कि गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को जलाया गया है। मृतक ने रात को शराब पी थी। जिसके बाद मामला और भी पेचीदा हो गया है। वहीं थाना प्रभारी सदर आशीष भार्गव ने कहा कि संदिग्ध अवस्था में मृत्यु का मामला है। इसीलिए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया है। एफएसएल टीम से जांच कराई है। फिलहाल हत्या का आरोप गलत है, लेकिन सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की जा रही है।